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अजित पवार की वजह से जाएगी भाजपा की भैंस पानी में

भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वाले मुख्य लिपिक को पुरस्कार की जगह फटकार,ठेकेदारों को दुलार
पालिका कर्मचारी महासंघ मुख्य लिपिक की लडाई लडेगी-चिंचवडे

पिंपरी– पिंपरी चिंचवड मनपा एक दुधारु भैंस बन चुकी है। ठेकेदार,अधिकारी चंद मीडिया कर्मी मिलकर पालिका तिजोरी को दिमक की तरह चाट रहे है। कोविड सेंटर के नाम पर लूटने वाले ठेकेदार के बिल पर आपत्ति उठाते हुए 5 करोड 27 लाख रुपये का बिल नामंजूर करने वाले ईमानदार,कर्तव्यनिष्ठ मुख्य लिपिक को पालिका की ओर से पुरस्कार मिलना चाहिए था,उसे अतिरिक्त आयुक्त अजित पवार आरोपी की तरह दो घंटे अपने कार्यालय में खडा रखा। इतना ही नहीं मुख्य क्लर्क को कारण बताओ नोटिस देकर सस्पेंड की धमकी दी। ऐसी चर्चा आज दिनभर पालिका भवन के गलियारों में गूंजा। यह बात मनपा कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष चिंचवडे के कान में गई। उन्होंने अपने कर्मचारी पर अन्याय होते देख एक्शन में आ गए है। कल आयुक्त श्रावण हर्डीकर से मिलकर एक निवेदन देंगे दोषी लोगों पर कार्रवाई करने की मांग उठाएंगे। यह प्रकरण जैसे ही तूल पकडा सत्ताधारी भाजपा दुविधा में पड गई कि अजित पवार भाजपा की भैंस पानी में डालकर ही दम लेंगे।

एक भी कोरोना पेसेंट भर्ती नहीं,5 करोड 26 लाख का बिल थमाया
क्या है मामला आओ विस्तार से समझाते है। भोसरी के रामस्मृति मंगल कार्यालय और हिरा लॉन्स में स्पर्श संस्था की ओर से कोविड सेंटर चलाने का ठेका लिया गया। इस संस्था में एक भी कोरोना पेसेंट इलाज के भर्ती नहीं हुआ। स्पर्श संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.अमोल हलकुंदे ने पालिका को 5 करोड 26 लाख 60 हजार 600 रुपये का बिल भेजा। बिल का भूगतान करने से आरोग्य विभाग के मुख्य क्लर्क हनुमंत ढोरे ने इंकार किया। बिना कोई काम किए बिल किस बात का?स्पर्श संस्था ने आवश्यकता के अनुसार सुविधाओं की पूर्ति नहीं की। इस सेंटर में एक भी करोना मरीज का इलाज नहीं हुआ।सिक्यूरिटी डिपॉजिट की रकम नहीं भरा गया। पालिका से कोई करारनामा तक नहीं किया गया। मैनपॉवर की सूची विलंब से जमा किया गया। दवाईयां का कोई संग्रह नहीं था। इस सेंटर में केवल बेड उपलब्ध था। कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ। केवल पालिका तिजोरी लूटने का दांव था। ऐसी बात मुख्य क्लर्क के संज्ञान में आते ही अपनी रिपोर्ट में नेगेटिव रिमॉर्क किया ताकि करोडों रुपये पालिका का पैसा बचाया जा सके।

भाजपा राज में अंधेरनगरी चौपट राजा
सभी राजनीतिक पार्टियों के जनप्रतिनिधियों,सामाजिक संगठनों ने स्पर्श संस्था को बिल देने का विरोध किया। कुछ समय तक स्थायी समिति ने इस विषय को स्थगित रखा क्योंकि पदाधिकारियों और अधिकारियों की सांठगांठ से पालिका तिजोरी लूटने का आरोप लगातार लगा। सत्ताधारी भाजपा शहरवासियों के निशाने पर है। भाजपा को शहर की जनता आरोपी के कठघरे में खडा कर रही है। सत्ता में रहते हुए इतना अंधेरनगरी चौपट राजा की कहावत खूल्लम खूला चरितार्थ कैसे हो रही है। भाजपा के स्थानीय नेता,पधाधिकारी गंधारी की तरह आँख में पट्टी क्यों बांधकर रखी है। विरोधी पार्टी राकांपा-शिवसेना मौनबाबा की भूमिका में आखिर क्यों नजर आ रहे है। कहीं ऐसा तो नहीं कि तेरी भी चुप मेरी भी चुप अंडरस्टेंडिंग वाली बात है। इससे परेशान होकर अतिरिक्त आयुक्त अजित पवार ने मंगलवार रात को मुख्य लिपिक हनुमंत ढोरे को अपने कार्यालय में बुलाया। सवाल किया कि बिल पर जो आपने आपत्ति लगाकर रिमॉर्क किया इसकी खबर जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों के पास कैसे पहुंची? पवार ने क्लर्क को रात 8.30 बजे तक कार्यालय में रोककर रखा। एक कारण बताओ नोटिस थमाया। फटकार लगाई। सवाल है कि पालिका के वित्तीय हितों की रक्षा करने वाले कर्मचारी को पुरस्कार देना चाहिए या फिर नोटिस?

आरोग्य विभाग प्रमुख के दबाव में क्लर्क ने तैयार किया नेगेटिव रिपोर्ट
अतिरिक्त आयुक्त अजित पवार ने इस घटना के बारे में खुलासा करते हुए कहा है कि कोविड सेंटर के बिल से संबंधित पिछले कई दिनों से भिन्न भिन्न प्रकार की खबरें छपकर आ रही है। नियमित क्लर्क अवकाश पर होने के बाद आरोग्य विभाग के प्रमुख ने अनियमित क्लर्क के माध्यम से दबाव डालकर डेढ पेज का नेगेटिव नोट बनवाकर लिया। जिसमें यह लिखा गया कि डॉ. अमोल हलकुंडे दोषी है। हस्ताक्षर लेने पर भी क्लर्क ने आपत्ति जताई थी। इस दौरान मैं छुट्टी पर था। सेंटर के बारे में एक लिखित पत्र प्रसारित किया गया है। कौन क्लर्क है यह देखने और जानने के लिए मैंने उसे अपने कार्यालय में बुलाया था। उसे कारण बताओ नोटिस दिया है। उसने तुरंत खुलासा भी किया है। गुरुवार 11 फरवरी के दिन सुबह आयुक्त श्रावण हर्डीकर के संज्ञान में यह प्रकरण लाऊंगा। ऐसा अजित पवार ने कहा है।

कर्मचारी महासंघ का शिष्टमंडल मिलेगा आयुक्त से
उधर कल सुबह कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष चिंचवडे एक शिष्टमंडल के साथ अपने कर्मचारी क्लर्क के बचाव में आयुक्त से मिलकर एक निवेदन देने वाले है। सत्ताधारी होने के नाते भाजपा की चारों तरफ बदनामी हो रही है। कर्मचारियों में भी गुस्सा है। दोषी को छोडकर पालिका का पैसा लुटने से बचाने वाले कलर्क पर अन्याय होगा तो कर्मचारी महासंघ चुप नहीं बैठेगा। ऐसी चेतावनी महासंघ के अध्यक्ष चिंचवडे ने दी है।

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