पुणे-पुणे की सीरम इंस्टिटयूट में आज दोपहर 2.30 बजे भीषण आग लगने से 5 कर्मचारियों की जलकर मौत हो गई। मरने वाले सभी ठेका मजदुर है। दमकल के जवानों ने 6 मजदुरों को बचाने में कामयाब रहे। आग अभी पूरी तरह बुझी भी नहीं थी की 4 घंटे बाद दोबारा फिर से आग लग गई। मांजरी परिसर में दहशत का माहौल है। 5 जली लाश बाहर निकाली जा चुकी है। शाम 7 बजे आग पर काबू पाया गया। सीरम इसिंटटयूट के आग्निकांड प्लांट जलकर खाक हो गया है। लेकिन कोरोना वैकसीन पूरी तरह सुरक्षित है ऐसा दावा कंपनी के सीईओ अदार पूनावला ने किया है। इधर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आगजनी की जांच के आदेश दे दिए है। कल सीरम कंपनी आगजनी प्लांट का दौरा करेंगे।
पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट के मंजरी प्लांट में गुरुवार दोपहर आग लगी थी। इस पर काबू पा लिया गया था। इसके बाद शाम करीब सवा सात बजे यहां फिर आग लग गई्।
मृतकों के नाम आ चुके है। मरने वालों में राम शंर्क,बिपिन सरोज(दोनो यूपी के रहने वाले) सुशील पांडेय(बिहार)महेंद्र इंगले और प्रतीक पश्त(दोनों पुणे) शामिल है। आग लगने की वजह अभी तक साफ नहीं हो पायी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वेल्डिंग का काम चल रहा था उस समय हादसा हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने कहा,मृतकों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं और मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हू्ं।
आग कोविड वैक्सीन के प्लांट में नहीं लगी जो राहत की बात है। इस प्लांट के बगल वाले प्लांट में लगी जहां काम चल रहा था। पुणे पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि कोविडशील्ड वैक्सीन प्लांट और स्टोरेज पूरी तरह सुरक्षित है। हाल ही में वैक्सीन की खेप यहां से देश भर में पहुंचायी गई थी। आग 4,5 मंजिल में लगी। वहां से जले हुए 5 शव बरामद हुए है। आग का धूंआ का प्रकोप ज्यादा होने से राहत बचाव कार्य में बाधा पहुंची।
क्यों खास है सीरम इंस्टीट्यूट?
यह वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। अब तक यह अलग-अलग वैक्सीन के 1.5 अरब डोज बेच चुकी है। यह एक तरह का रिकॉर्ड भी है। एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया के 60% बच्चों को सीरम की एक वैक्सीन जरूर लगी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन से मान्यता प्राप्त सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन 170 देशों में सप्लाई होती ह््ैं। यह कंपनी पोलियो वैक्सीन के साथ-साथ डिप्थीरिया, टिटनस, पर्ट्युसिस, कखत, इउॠ, आर-हैपेटाइटिस बी, खसरा, मम्प्स और रूबेला के टीके भी बनाती है।