1 जनवरी 2020 तक के अवैध बांधकाम गुंठेवारी प्रणाली से अब नियमित होंगे,गुंठेवारी प्रक्रिया शुरु
पिंपरी- पिंपरी चिंचवड शहरवासियों के लिए कोरोना काल में राज्य सरकार ने खुशखबरी दी है। शहरवासियों के अवैध बांधकामों पर लंबे समय से लटक रही शास्तीकर की तलवार अब राज्य सरकार ने म्यान में डालने का फरमान जारी कर दिया है। 1000 स्न्वेयर फुट तक के अवैध बांधकामों पर लगने वाला शास्तीकर पूरा माफ हो गया है। 1001 से लेकर 2000 फुट तक के बांधकामों पर शास्तीकर हाफ लगेगा और जो मूल बिल के साथ शास्तीकर के अदायगी कर चुके है उनको भी चिंत करने की जरुरत नहीं अगले बिल में शास्तीकर की भरी रकम को समायोजित किया जाएगा। यह निर्णय उद्धव ठाकरे की सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में लिया। राज्य सरकार ने लाखों अवैध बांधकाम धारकों को बडा दिलासा देने का काम किया है।
आपको बताते चलें कि पहले भाजपा की देवेंद्र सरकार में केवल 500 फुट के अवैध बांधकामों पर शास्तीकर पूर्ण माफ हुआ था और 501 से 1000 फुट तक हाफ 1001 से 2000 तक शास्तीकर पूरा भरने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय का जोरदार विरोध हुआ। इसी बीच भाजपा की सरकार गई और उद्धव सरकार आयी। पुणे के पालकमंत्री अजित पवार के लिए शास्तीकर माफ कराना पहली प्राथमिकता में से एक था। आघाडी सरकार ने अपना वचनपूर्ति की और शहर में बडे बडे बैनर पोस्टर लगाकार वाहवाही का ढिंढोरा भी नहीं पिटा।
1000 फुट का शास्तीकर समेत मूल टैक्स की रकम भरने वाले 54 हजार बांधकाम धारक है जबकि 1001 से 2000 फुट का शास्तीकर भरने वाले धारक 15 हजार है। शास्तीकर जो धारक भर चुके हैं उनको घबराने की जरुरत नहीं अगले बिल में एडजस्ट हो जाएगा। ऐसी जानकारी पालिका के करसंकलन विभाग की उपायुक्त स्मिता झगडे ने दी।
राज्य सरकार ने दो और ऐतिहासिक जनहितार्थ निर्णय लिया है।1 जनवरी 2020 तक के सभी अवैध बांधकामों को गुंठेवारी प्रणाली से नियमित करने का निर्णय लिया है। इसका फायदा करीबन 1 लाख 25 हजार अवैध बांधकाम धारकों को होने जा रहा है। पालिका में इसकी प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। गुंठेवारी कराओ अवैध बांधकाम नियमित कराओ। एक तरफ धारकों को दिलासा मिला तो दूसरी ओर पालिका तिजोरी गुंठेवारी रकम से भर जाएगी जो खराब अर्थव्यवस्था में संजीवनी बूटी का काम करेगा। तीसरा निर्णय फ्लैट खरीदने वाले ग्रहकों के लिए है। अगर कोई फ्लैट खरीदता है तो उसे स्टैंप डयूटी की रकम नहीं भरनी पडेगी। यह रकम अब बिल्डर भरेगा। बिल्डरों का भी सरकार ने खयाल रखा है उनको प्रीमियम योजना के तहत 50% की छूट दी गई है। इससे राज्य में निवेश को बढावा मिलेगा। चौपट अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।