नागपुर-ऑरेंज सिटी के नाम से मशहूर नागपुर शहर में पिछले कुछ सालों में अपराध में वृद्धि देखी गई है। उसके बाद नागपुर को क्राइम सिटी भी कहा जाने लगा। नागपुर अब अपराध के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2019 में प्रति एक लाख आबादी पर नागपुर में हत्याओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। बिहार की राजधानी पटना इस सूची में सबसे ऊपर है। पटना में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 4.7 हत्याएं होती हैं जबकि नागपुर में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 3.6 हत्याएं होती ह््ैं। दिल्ली में, दर 3.1 है, जयपुर में यह 3.0 है और लखनऊ में यह 2.6 है।
मुंबई और पुणे इस मामले में देश के शीर्ष 20 शहरों में शामिल ह््ैं। पुणे 13 वें और मुंबई 17 वें स्थान पर है। पुणे में प्रति एक लाख आबादी पर 1.5 हत्या के मामले ह््ैं। महानगरीय मुंबई में यह आंकड़ा सिर्फ 0.9 है। इस रिपोर्ट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नागपुर में अपराध कितने बढ़ गए ह््ैं। इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीर यह है कि राजधानी नागपुर अब अपराध के मामले में पटना के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है।