तलवडे की 60 एकड जमींन पर कोहराम,संजोग वाघेरे ने बताया अंदरखाने का सत्य
पिंपरी-आज सुबह से सोशल मीडिया पर तलवडे की 59 एकड जमींन पर कोहराम मचा हुआ है। भोसरी के भाजपा विधायक महेश दादा लांडगे और स्थानीय राष्ट्रवादी नगरसेवक पंकज़ भालेकर के बीच वाहवाही,श्रेय लूटने की होड मची है। आखिर यह जमींन सरकार से पालिका को किसने दिलवायी? यह भ्रम की स्थिति दिनभर बनी रही। शाम होते ही राकांपा की ओर से पत्रकार परिषद का आयोजन पालिका के विरोधी नेता के कार्यालय में की गई। इसमें शहर अध्यक्ष संजोग वाघेरे,पूर्व विधायक विलास लांडे,विरोधी पक्षनेता राजू मिसाल,वरिष्ठ नगरसेवक भाउसाहेब भोईर,अजित गव्हाणे,पंकज भालेकर,प्रशांत शितोले ने यह कहकर भाजपा के नेताओं की हवा निकाल दी कि राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की कृपा से यह वन विभाग की जमींन पिंपरी पालिका को फ्री में मिली है। अगर किसी को इसका श्रेय जाता है तो केवल अजित पवार को जाता है। भाजपा के स्थानीय नेता राज्य सरकार के काम को खुद का काम बताकर ढिंढोरा पिट रहे है।
पिंपरी पालिका की सीमा में तलवडे परिसर में 59 एकड जमींन वन विभाग की है। इस जमींन को पालिका को दिलाने के लिए स्थानीय नगरसेवक पंकज भालेकर व अन्य तीन राकांपा नगरसेवकों ने जिलाधिकारी,विभागीय आयुक्त से लेकर राजस्व विभाग,वित्त मंत्रालय तक अजित पवार के नेतृत्व में युद्धस्तर पर प्रयास किया। आखिरकार 17 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी करते हुए इस जमींन को पालिका को देने का निर्णय लिया। अजित पवार ने पंकज भालेकर को मंत्रालय बुलाकर निर्णय का पत्र सौंपा। इस जमींन पर कोई कन्सट्रक्शन नहीं हो सकता। केवल उद्यान,प्राणी संग्रहालय के लिए विकसित किया जा सकता है।
विलास लांडे ने विधायक महेश लांडगे का नाम न लेते हुए कहा कि भाजपा के लोग दूसरों के काम को खुद का काम बताकर केवल वाहवाही लूट रहे है। पिछले 5 साल भाजपा की सरकार थी फिर यह काम क्यों नहीं करा सके?राज्य में आघाडी सरकार है। अजित पवार का शहर पर अटूट प्रेम है। वर्तमान में जो विकास की गंगा दिखायी दे रही है वो राकांपा की देन है। बता दें कि इस तलवडे की जमींन को लेकर सुबह से सोशल मीडिया में वाहवाही लूटने की जंग चल रही है। भाजपा-राकांपा दोनों दावे कर रहे थे कि सरकारी जमींन को उन्होंने पालिका को दिलाया। इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए राष्ट्रवादी के नेताओं को पत्रकार परिषद बुलानी पडी और अंदरखाने की सच्चाई को बतानी पडी ताकि जनता सच क्या है यह जान सके।