पुणे- अहमदनगर जिले में स्थित तीर्थस्थल सांई मंदिर में ड्रेस कोड को लेक भडकी भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई को प्रशासन ने नोटिस जारी करते हुए 11 दिसंबर तक प्रवेश करने पर रोक लगा दी है। यह रोक 8 से 11 दिसंबर तक रहेगी। प्रशासन ने कानून व्यवस्था बिगडने का हवाला दिया है। यदि नोटिस के आदेश का उल्लंघन करती है तो उनके विरुद्ध 188 आईपीसी के तहत दंडित किया जाएगा।
साईं ट्रस्ट ने ड्रेस कोड लागू किया है- शिर्डी संस्थान ने अपने भक्तों के दर्शन के लिए ड्रेस कोड की अपील की है इस बारे में मंदिर परिसर में बोर्ड लगाया गया है जिसमें लिखा है कि भारतीय परिधान वाले कपडे ही पहनकर दर्शन के लिए पधारे। छोटे कपडे जिमसें अर्धनग्नता का प्रदर्शन होता हो ऐसे कपडों के साथ प्रवेश पर रोक लगाई गई है। इससे बाकी भक्तों का मन विचलित होता है।इस बीच भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई ने चेतावनी देते हुए कहा है कि मंदिर ट्रस्ट को ऐसे बोर्ड हटाना चाहिए, नहीं तो हम इसे अपने तरीके से हटायेंगे। तृप्ति ने 10 दिसंबर को शिर्डी जाकर इस बोर्ड को खुद हटाने का अल्टीमेटम दिया था।
मंदिर का यह फैसला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन-तृप्ति देसाई ने कहा था कि भारत में संविधान है और संविधान ने सभी को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आजादी का हक दिया है। कौन क्या पहनेगा क्या खाएगा यह खुद व्यक्ति तय करेगा। शिरडी समेत कई जानी मानी मंदिरों में पुजारी भी अर्धनग्न हालत में रहते है। केवल धोती पहनते है। उन पर क्यों कोई रोक नहीं लगाता। अगर बोर्ड को नहीं हटाया गया तो वो अपने कार्यकर्ताओं के साथ 10 दिसंबर को आकर बोर्ड हटा देंगी। ऐसी चेतावनी दी थी।
कौन हैं तृप्ति देसाई ?
तृप्ति देसाई पुणे स्थित भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक अध्यक्ष ह््ैं। वह अन्ना हजारे के साथ कई सामाजिक कार्यों में हिस्सा ले चुकी ह््ैं। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश करने और पूजा करने की अनुमति मिलने के पीछे सबसे अहम हिस्सा तृप्ति देसाई का है। इन्होंने मुंबई के हाजी अली दरगाह मे भी महिलाओं को प्रवेश मिलने के लिए आंदोलन किया था। इससे पहले नासिक के त्रयंबकेश्वर, कपालेश्वर मंदिर और कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मिलने के लिए आंदोलन किया था।