नई दिल्ली-पिछले आठ दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में शामिल करीबन 300 किसान सिंधु बॉर्डर पर बीमार पड गए है। उनको सर्दी,जुखाम,बुखार की शिकायत है। लेकिन अपनी जांच से इंकार कर रहे है। दिल्ली में कडाके की ठंडी पड रही है। खुलेआसमान के नीचे किसान रात बीताने का मजबुर है। इनका हौसला तोडने के लिए सरकार बातचीत को लंबा खींच रही है। अब चार राउंड की बातीचत में बेनतीजा निकलने से 8 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन होगा। दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर जारी है। ऐसे में अगर कोरोना की शिकायत किसानों को हुई तो सारे आंदोलनकारी इसके चपेट में आ सकते है। साथ ही सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक में हिस्सा भी ले रहे है।हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से किसानों के लिए स्वास्थ्य के साथ तमाम सुविधा उपलब्ध कराई गई ह््ैं।
नए कृषि कानून के विरोध में किसान दसवें दिन भी सिंघु बॉर्डर पर डटे रहे। वहीं, टीकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर भी आंदोलनकारी बिगुल फूंक रहे ह््ैं। शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान बीमार नजर आए्। पंजाब से आए किसान हरबीर सिंह का कहना है कि लगभग 300 लोग बीमार ह््ैं। इनमें ज्यादातर को बुखार है और कुछ को खांसी-जुकाम। किसानों का मानना है कि ठंड में रहने के कारण ऐसा हो रहा है, लेकिन चर्चा यह भी है कि उन्हें कोरोना भी हो सकता है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें कोरोना जांच कराने की बात कही तो उन्होंने इनकार कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि किसानों को डर है कि कहीं कोरोना जांच में फर्जी रिपोर्ट लगाकर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन न कर दिया जाए्। इसके पीछे केंद्र की साजिश भी हो सकती है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जांच केंद्र नहीं, दिल्ली सरकार करा रही है। इसलिए डरने की बात नहीं है, परंतु किसान फिर भी नहीं मान रहे ह््ैं।
दवाइयों के भी लंगर
किसानों की सेवा करनेके लिए दवाइयों के लंगर भी लगाए जा रहे ह््ैं। वहां भी लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं, परंतु ज्यादातर किसान न तो मास्क लगाते हैं और न ही सामाजिक दूरी का पालन होता है। इसलिए आशंका है कि यदि कोई कोरोना संक्रमित हो गया तो उससे बड़ी संख्या में लोग चपेट में आ सकते ह््ैं।
खुद के साथ दूसरों की भी करें रक्षा
सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर जुगल किशोर ने बताया कि सामान्य तौर पर सर्दी खांसी फ्लू भी हो सकता है। फिलहाल कोरोना काल चल रहा है। इसलिए किसानों को जांच कराने से इनकार नहीं करना चाहिए्। क्योंकि, यह उनकी और दूसरों की सुरक्षा का सवाल है। उन्होंने सलाह दी कि जांच से डरने की जरूरत नहीं है।