पुणे-महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और पुणे के पालकमंत्री अजित पवार के लिए राहत भरी खबर आयी है। पवार को ईडी के भूत से दिलासा मिल गया है। इनके साथ 69 अन्य लोगों को भी दिलासा मिल गया है। कोर्ट ने ईडी की दलीलों को खारिज करते हुए जांच पर ब्रेक लगा दी और ईडी इस मामले में जांच नहीं कर सकता ऐसा आदेश पारित किया। दरअसल पुलिस की रिपोर्ट में ऐसा कहा गया था कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ऋणों के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से दुरुपयोग में तथ्यों की कमी का हवाला देकर मामले को बंद करने का फैसला लिया था। इसी फैसले को ईडी ने कोर्ट में चुनौति दी थी। जिस पर माननीय अदालन ने ईडी की सारी दलीलों को खारिज करते हुए ईडी को जांच करने से रोक लगाने का निर्देश जारी किया।
अदालत ने स्पष्ट किया कि मूल शिकायतकर्ता के विस्तृत बयान को सुनने के बाद पुलिस रिपोर्ट स्वीकार करने के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। आरटीआई कार्यकर्ता सुरिंदर अरोड़ा ने एडवाइज पर कॉल किया। सतीश तालेकर द्वारा दायर जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने उप मुख्यमंत्री अजीत पवार सहित 69 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। तदनुसार मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है। हालांकि जांच के बाद पुलिस ने यह कहते हुए अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी कि कोई संज्ञेय अपराध नहीं हुआ था और मामले को बंद करने का अनुरोध किया गया।
अदालत ने तब मूल शिकायतकर्ता अरोड़ा को निर्देश दिया कि वह मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करे। अरोरा ने पुलिस रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की। ईडी ने भी हस्तक्षेप की मांग करते हुए दावा किया कि आगे की जांच की जरूरत थी क्योंकि कदाचार के कथित संज्ञेय अपराध घटित हुए थे। उन्होंने मुंबई पुलिस की रिपोर्ट का भी विरोध किया,कहा कि अगर अदालत ने पुलिस की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया तो हम मामले की आगे जांच नहीं कर पाएंगे। अरोड़ा ने पुलिस रिपोर्ट को खारिज करने की मांग में ईडी की भूमिका के लिए सहमति व्यक्त की थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अगर पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाता है तो ईडी जो मामले की एक समानांतर जांच कर रहा था, को अपने काम को निलंबित करना होगा और यह सार्वजनिक हित में नहीं होगा। इसलिए ईडी को जांच का मौका देने के लिए मुंबई पुलिस की रिपोर्ट खारिज कर दी गई्। कोर्ट ने ईडी के आवेदन को बरकरार रखा। विशेष अदालत ने गुरुवार को ईडी की याचिका खारिज कर दी। इसी समय, अदालत ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय तुरंत नहीं दिया जा रहा है ताकि मूल शिकायतकर्ता को यह आरोप न लगे कि उसे अपने मामले को बताने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया था। उन्होंने अरोड़ा को विस्तृत बयान देने के लिए समय देते हुए सुनवाई को स्थगित कर दिया।