पिंपरी-पिंपरी चिंचवड शहर के स्मार्ट सिटी में 520 करोड रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। यह बात संज्ञान में आते ही महाराष्ट्र सरकार के शहरी व नगरविकास मंत्रालय में जांच के आदेश दिए है। ऐसी जानकारी पत्रकार परिषद में शिवसेना शहर अध्यक्ष योगेश बाबर ने दी।
शहर शिवसेना ने जल निकासी के लिए 520 करोड़ रुपये के अनुबंध में 300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है, पिंपरी-चिंचवाड़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड की स्मार्ट एकीकृत परियोजना के तहत पानी की आपूर्ति जल मीटर की स्थापना। इस पर ध्यान देते हुए, शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रमुख सचिव (दो) को अनुबंध की जांच करने का निर्देश दिया है। उसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है। जिला प्रमुख गजानन चिंचवडे शहर प्रमुख योगेश बाबर,पूर्व विधायक गौतम चाबुकस्वार,महिला अध्यक्षा उर्मिला कालभोर,अनंत कोल्हे,बालासाहेब वाल्हेकर,माचिन्द्र देशमुख,अनीता टुटारे,आदिक भोसले,हरेश नखाते,अमोल निकम,विवेक तितरमारे,ज्ञानेश्वर शिंदे आदि उपस्थित थे।
योगेश बाबर ने कहा,पिंपरी-चिंचवड़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के स्मार्ट इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट के तहत जल निकासी,पानी की आपूर्ति के मीटर लगाने के लिए 520 करोड़ रुपये का टेंडर 9 अक्टूबर, 2019 को प्रकाशित किया गया था। 520 करोड़ रुपये के अनुबंध को टेक महिंद्रा कंपनी लिमिटेड, क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और आरसीएस इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड को संयुक्त रूप से बहाल किया गया। भ्रष्टाचार को गंभीरता से लेते हुए शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शहरी विकास मंत्री ने जांच के आदेश दिए है। पिंपरी चिंचवड मनपा में भाजपा की सत्ता है अगर जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि हो जाती है तो अच्छे अच्छों के चेहरे बेनकाब हो जाएगा।