मुंबई-तंत्रमंत्र और बाबागिरी अंधविश्वास के चक्कर में धनवर्षा की लालसा में पडकर तीन युवकों ने खुदकुशी कर ली। लेकिन चौथा फंदा किसके लिए बनाया गया था पुलिस को उलझा रखा है। यह मामला भिवंडी का है जहां पेड से एक साथ तीन लाशें लटकी पायी गई थी। मोश पाने या धन की बरसात के लिए आत्महत्या की ऐसा आशंका व्यक्त की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि इन तीन में एक युवक पिछले छह वर्षों से बाबागीरी कर रहा था। सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने जंगल के उस पेड़ से चार फंदे बरामद किए्। चौथा फंदा गुलाबी रंग की साड़ी का था। पुलिस के अनुसार, शाहपुर के नितिन भेरे (30), खर्डी स्थित चांदा गांव के महेंद्र दुभेले (30) और मुकेश गायघाट (22) 14 नवंबर को घर से अचानक गायब हो गए थे।
पशु चराते वक्त पेड़ से लटकी देखीं लाशें
काफी तलाश के बाद भी जब उनका कोई पता नहीं चला, तो उनके परिजन ने 17 नवंबर को शाहपुर और खर्डी पुलिस स्टेशन में उनके गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उनके गायब होने के छह दिन बाद चांदा गांव के रूपेश सापले ने जंगल में पशु चराते समय एक पेड़ से तीन लाशें लटकी देखी्ं। उन्होंने तुरंत खर्डी पुलिस को इसकी सूचना दी। खर्डी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर लाशें नीचे उतारीं और पंचनामा किया।
घर में बनवाया था मंदिर, मिलीं तंत्र-मंत्र की किताबें
मृतक महेंद्र दुभले और मुकेश गायघाट मामा-भांजे थे। नितिन भेरे भी उनका रिश्तेदार था। बताया जाता है कि नितिन ने बाबागीरी के लिए अपने घर में मंदिर भी बनवाया था। उसमें तंत्र-मंत्र और चमत्कार की किताबें, चाकू, त्रिशूल, चाबुक और हल्दी-कुमकुम जैसी वस्तुएं भी रखी थी्ं। वहां भक्तों की भीड़ लगी रहती थी। उसके रिश्तेदार महेंद्र और मुकेश भी रोज नितिन रोज उसके पास आते थे।
अचानक हुए गायब
लक्ष्मीपूजन के दिन नितिन ने अपनी पत्नी माया से कहा कि थोड़ी देर में आएगा, लेकिन वह घर नहीं आया। उसके साथ ही महेंद्र और मुकेश भी गायब हो गए्।
एक हिरासत में
पुलिस सभी दृष्टिकोणों से जांच कर रही है। पेड़ से मिले चौथे फंदे के लिए पुलिस एक युवक को हिरासत में लेकर जांच कर रही है। शाहपुर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी नवनाथ ढवले ने कहा कि पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला लगता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट हो पाएगा