पुणे-कोरोना महामारी संकट से निपटने के लिए देश भर की फार्मा कंपनियां वैक्सीन बनाने के अंतिम चरणों में है। सबसे पहले किस देश और कंपनी वैक्सीन टीका बनाने में बाजी मारता है इस पर सबकी नजरे टिकी हुई है। साथ ही कंपनियों के बीच गलाकाट जंग की स्पर्धा चल रही है। इस मामले में भारत भी पीछे नहीं। पुणे की सीरम इंस्टीटयूट के सीईओ पूनावाला ने दावा किया है कि 3-4 महिनों में वैक्सीन जनता की सेवा में उपलब्ध करा देंगे। सीरम एक टीका के लिए 1000 रुपये कीमत की घोषणा की है तो वहीं मॉडर्ना ने भारत में 1800-2800 रुपये कीमत में वैक्सीन देगी। अमेरिकी फार्मा कंपनी ने बताया कि एक खुराक की कीमत के लिए 25-37 डॉलर देना पडेगा।
कंपनी ने बताया है कि सरकारें जितनी मात्रा में वैक्सीन का ऑर्डर देगी, कीमत उस आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है। कंपनी के सीईओ स्टेफन बैंसल ने कहा कि वैक्सीन की कीमत फ्लू के शॉट के बराबर होगी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने दावा किया कि कोरोना वैक्सीन के आने में अभी सिर्फ 3-4 महीनों का वक्त ही लगेगा। इसके साथ ही पूनावाला ने वैक्सीन की संभावित कीमत की जानकारी भी दी। सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा,ब्रिटेन में जैसे ही नियामकों से मंजूरी मिलती है, हम भारत में भी अप्लाई करेंगे। पहले आपतकालीन इस्तेमाल होगा। आम लोगों को कोरोना वैक्सीन मिलने में 3-4 महीने का समय लग सकता है।
उन्होंने आगे कहा,अप्रैल-मई में किसी ने सोचा नहीं था कि इतनी जल्दी वैक्सीन बन जाएगी। अब तक इस वैक्सीन ने बुजुर्गों पर भी काफी अच्छा रिजल्ट दिया है। जैसा कि मॉर्डर्ना,फाइजर महंगे हैं या इनका स्टोरेज कठिन है, बड़ा सवाल है कि यह वैक्सीन से हम कितने समय तक सुरक्षित रह सकते ह््ैं। अभी तक इनका परिणाम बहुत अच्छा है। पूनावाला ने बताया कि यह समय बताएगा कि ये टीके आपको लंबे समय तक बचा सकते हैं या नही्ं। अभी कोई गारंटी से नहीं बता सकता है, बस अनुमान और दावे किए जा रहे ह््ैं।