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रामपुर नवाब खानदान की 26 अरब की संपत्ति का बंटवारा


रामपुर- करीब 45 साल के बाद रामपुर के नवाब खानदान की पांच संपत्तियों का मूल्यांकन पूरा हो गया। इन चल-अचल संपत्तियों की कुल कीमत 26.25 अरब रुपये आंकी गई है। मूल्यांकन रिपोर्ट जनपद न्यायाधीश कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है। अब इस संपत्ति का बंटवारा शरीयत के हिसाब से न सिर्फ रामपुर बल्कि, जर्मनी से लेकर कैलीफोर्निया तक रह रहे नवाब रामपुर के 16 वारिसों में होगा।

रामपुर में नवाब खानदान की अकूत संपत्ति को लेकर परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसे लेकर वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था। इसी आधा पर यह संपत्ति स्वर्गीय मुर्तजा अली खां की बेटी निखत बी, बेटे मुराद मियां और दूसरे पक्ष के स्वर्गीय मिक्की मियां की पत्नी पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, उनके बेटे नवेद मियां और बेटियों समेत कुल 16 लोगों में बंटनी ह््ैं।

इनमें बेगम नूरबानो, नवाब काजिम अली खां भले ही रामपुर में रहते हैं लेकिन, तलत फातिमा हसन पत्नी कामिल हसन कैलीफोर्निया में रहती ह््ैं। समन अली खां उर्फ समन खां महाराष्ट्र में रहती हैं तो सैयद सिराजुल हसन बैंगलोर में और गिजाला मारिया जर्मनी मे्ं। खानदान के कुछ लोग दिल्ली और लखनऊ में भी ह््ैं।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज की ओर से नामित एडवोकेट कमिश्नर ने महीनों के सर्वे के बाद मूल्यांकन रिपोर्ट समय-समय पर कोर्ट में दाखिल की है। सबसे बड़ी संपत्ति कोठी खास बाग थी, जिसकी मूल्यांकन रिपोर्ट भी एडवोकेट कमिश्नर ने कोर्ट में 20 नवंबर को दाखिल कर दी। अलग-अलग दाखिल इन रिपोर्ट्स के अनुसार कुल संपत्ति 26.25 अरब की है। अरुण प्रकाश सक्सेना, एडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि संपत्ति की मूल्यांकन रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हो चुकी ह््ैं। अदालत ने 23 नवंबर को सभी पक्षकारों को बुलाया है। वे अपनी बात अदालत में रख सकते ह््ैं। किसी को कोई आपत्ति है तो आपत्ति दाखिल कर सकते ह््ैं। संदीप सक्सेना, नवाब काजिम अली खां के अधिवक्ता बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नवाब खानदान की संपत्ति का इस्लामी शरीयत के हिसाब से बंटवारा होना है। संपत्ति का सर्वे और मूल्यांकन रिपोर्ट के लिए दिसंबर 2020 तक का समय निर्धारित है।

यह संपत्ति 16 लोगों में बंटनी है। यह है पूरा प्रकरण :
नवाब खानदान में संपत्ति के बंटवारे को लेकर 1974 में मुकदमेबाजी शुरू हुई थी। नवाब रजा अली खां की मौत के बाद उनके बड़े बेटे नवाब मुर्तजा अली खां संपत्ति पर काबिज हो गए थे। इसे लेकर रजा अली खां के छोटे बेटे मिक्की मियां और अन्य बेटों व बेटियों ने कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था। इनका कहना था कि उन्हे शरीयत के हिसाब से संपत्ति बांटी जाए, जबकि मुर्तजा अली खां की ओर से तर्क दिया गया कि राजघरानों के कानून के मुताबिक राजा का बड़ा बेटा ही संपत्ति का मालिक होता है। इसको लेकर शुरू हुआ विवाद लंबे समय तक चलता रहा। सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचने के बाद बीते वर्ष अगस्त माह में इस पर फैसला आया था। जिसके बाद डीजे कोर्ट में मूल्यांकन और बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हुई है।

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