पिंपरी- वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविंद्र जाधव को पुलिस सेवा से निलंबित कर दिया गया है। चिंचवड पुलिस स्टेशन में ड्यूटी पर रहते हुए, उन्होंने एक मामला दर्ज किया जिसमें कोई निर्णायक सबूत नहीं था। उन्हें बिना किसी तथ्यों के एक और मामला दर्ज करने में अनुशासनहीनता,गैरजिम्मेदारी और लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह आदेश पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने जारी किया है।
रविंद्र जाधव चिंचवड़ पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के रूप में काम कर रहे थे। इस बीच इन्हें पिछले सप्ताह पुलिस नियंत्रण कक्ष में स्थानांतरित कर दिया गया था। चिंचवड़ पुलिस स्टेशन में एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के रूप में काम करते हुए जाधव ने गैर-इरादतन रूप से दो मामले दर्ज किए थे। 19 अक्टूबर 2020 को बिना किसी सबूत के छेड़छाड़ का मामला दर्ज करने के बाद आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट के एक अन्य आरोप में उसी दिन सूर्यास्त के बाद एक महिला को नियमों का उल्लंघन करते हुए गिरफ्तार किया गया था। पुलिस थाने द्वारा प्राप्त की गई प्रत्येक शिकायत को प्रमाणित किया जाना चाहिए और उचित साक्ष्य के अनुसार मामला दर्ज किया जाना चाहिए। थाने के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों की निगरानी करना भी वरिष्ठ निरीक्षक का काम होता है। इस बीच जाधव को अव्यवस्थित आचरण,गैरजिम्मेदारी और लापरवाही के दो मामलों के लिए 17 नवंबर से निलंबित कर दिया गया है।
एक महिने पूर्व पिंपरी चिंचवड शहर के तीन वरिष्ठ पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार,अश्लील टिका टिप्पणी करने के एक मामले में लिखित शिकायत पर रविंद्र जाधव की जांच चल रही है। पत्रकारों ने सारे तत्थ,सबूत सीपी,डीसीपी,एसीपी के पास जमा कर चुके है। जांच में शिकायत की पुष्ठि हो चुकी है। अगर रविंद्र जाधव का इतिहास देखा जाए तो पिछले दो सालों में इनकी 8 बार तबादले हुए। निगडी पुलिस थाने से तबादला होकर 1 अप्रैल 2020 को चिंचवड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक पद पर तबादला हुआ था। केवल 7 महिने के भीतर फिर से इनका तबादला पिछले ही सप्ताह कंट्रोल रुम में किया गया था। अब 17 नवंबर को पुलिस सेवा से निलंबन का आदेश पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने जारी किए है।
कृष्णवाणी…पहले ही हो चुकी थी कि मैं पहले मौका देता हूं,फिर सबूत इकट्ठा करता हूं उसके बाद एक्शन लेता हूं। पुरानी आदतों को छोडकर मेरे कार्यप्रणाली के सांचे में फिट बैठकर काम करना होगा। अगर जो फिट नहीं बैठना चाहता वो अपना तबादला करा लें। इस कृष्णवाणी को पुलिस महकमे में कुछ पुलिस वाले हल्के फुल्के से लिया। अब रविंद्र जाधव के निलंबन से महकमे में हडकंप मच गया है। कृष्ण प्रकाश एक तेजतर्रार,कर्तव्यनिष्ठ,स्वच्छ छवि,ईमानदार आला अफसर है। इनका पिछला रिकॉर्ड खंगालने पर पता चलता है कि जहां जहां ये गए वहां जीरो टॉलरेंस,अपराध मुक्त शहर,अवैध धंधों पर पूर्णविराम लगाने का काम किया। किसी नेता,मंत्री का दबाव इनको नहीं आता। अगर आता भी तो कोई असर नहीं पडता। अब चर्चा है कि पुलिस थानों में वर्षों से डिटेक्शन ब्रांच(डीबी) संभालने वालों की कार्यप्रणाली पर इनकी पैनी नजर है। कुछ पुलिस वाले हत्यारोपी,सामूहिक हमले तथा अन्य संगीन अपराधों के मुख्य आरोपियों गिरफ्तार न करके उनको पहले समय देते है फिर बचाने का काम करते है। ऐसे पुलिस वाले अब कृष्ण प्रकाश के रडार पर है। पुलिस थानों में जिस प्रकार झूठ का सच,सच का झूठ,गोरा-काला का खेल चलता है इस गंदगी को साफ करने का स्वच्छता अभियान हाथ में लेने वाले है। ऐसी चर्चा पुलिस महकमे के गलियारों में हो रही है।
पिंपरी चिंचवड शहर में जब से पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश आए हैं काफी बदलाव द्ेखने को मिल रहा है। अवैध धंधे,स्ट्रीट चैन स्केचिंग,क्राइम का ग्राफ तेजी के साथ घटा है। शहरवासी सुरक्षित महसूस कर रहे है। पुलिस विभाग के प्रति जनता का विश्वास बढा है। पुलिस थानों में कार्यप्रणाली,जनता से व्यवहार में काफी साकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। लेकिन चंद भ्रष्ट पुुलिस वालों की वजह से पुलिस विभाग बदनाम हो रहा है। सुनने में यह भी आया है कि कृष्ण प्रकाश के सांचे में जो फिट नहीं बैठ पा रहे ऐसे कुछ पुलिस वाले अपने तबादले का आवेदन गृहमंत्रालय में दे रहे है। कुछ अपने आकाओं के दम पर तबादला कराने के जुगाड में लगे है।