कुछ दागियों पर गिरी गाज,कुछ रुटिन बदली,कुछ की शिकायतों पर बदली
पिंपरी- कृष्णवाणी…मैं पहले मौका देता हूं,फिर सबूत इकट्ठा करता हूं,उसके बाद कार्रवाई करता हूं…पाप का घडा भरेगा तो कार्रवाई होगी…पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश के इन वाक्यों को पुलिस विभाग के कुछ निरिक्षकों ने हल्के फुल्के में लिया और देखो कृष्ण का सुदर्शन चक्र चला और 30 पुलिस निरिक्षकों की बदली हो गई। इसमें कुछ दागी कुछ बेदागी और कुछ रुटिन बदली हुई।जी हां! हम आपको बता दें कि पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत एक साथ 30 पुलिस निरिक्षकों की बदली का आदेश जारी हुआ है। इसे अब तक का विभागीय स्तर पर सबसे बडा ट्रांसफर माना जा रहा है।
इसमें से कई बदली पूर्वानुमान के मुताबिक सटीक साबित हुई है। चिंचवड,आलंदी,भोसरी,भोसरी एमआयडीसी,निगडी,हिंजवडी पुलिस स्टेशनों में कार्यरत वरिष्ठ निरिक्षकों की बदली संभावित थी। इसमें से चिंचवड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक रविंद्र जाधव की बदली अब नियंत्रण कक्ष(कंट्रोल रुम) में की गई है। इनके विरुद्ध 3 वरिष्ठ पत्रकारों ने अभद्र व्यवहार,अश्लील टीका टिप्पणी,गाली गलौज का मामला पत्रकारों द्धारा पुलिस आयुक्त के संज्ञान में लाया गया था। जिस पर जांच करने का जिम्मा पिंपरी चिंचवड के नवनियुक्त पुलिस उपायुक्त को सौंपी गई।अपने निष्पक्ष कार्य के लिए डीसीपी मंचक इप्पर जाने जाते है। जिस पर पुलिस उपायुक्त द्धारा मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक पुलिस आयुक्त डॉ.सागर कवडे को सौंपी गई। सहायक पुलिस आयुक्त द्धारा जांच की गई। जांच में शिकायतकर्ता की सत्यता की पुष्ठि होने पर रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपी गई। जिस पर पिंपरी चिंचवड के तेजतर्रार पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश जी ने कार्रवाई करते हुए रविंद्र जाधव को चिंचवड पुलिस स्टेशन से कंट्रोल रुम में अटैच किया। अगर चिंचवड के तात्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक रविंद जाधव का पिछला इतिहास देखा जाए दो वर्षों में इनका 8 बार ट्रांसफर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्धारा किया गया है। इसके बावजूद दूसरा पहलू अगर देखा जाए तो कार्रवाई होने के बाद इन्होंने अपना जुगाड लगाकर पुलिस स्टेशन में अपनी जगह बना ही लेते है। यही कारण है कि इन पर कार्रवाई का कोई असर नहीं पडता।
अब चर्चा यह भी है कि पुलिस स्टेशनों पर गत कई वर्षों से पुलिस निरिक्षक के खास रीडर के रुप में जो लगातार कार्य कर रहे है। उनकी कार्यप्रणाली पर भी पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश की पैनी नजर टिकी हुई है। वहीं कई पुलिस वालों के इतिहास खंगालने पर पता चला है कि कुछ पुलिस वालों की पदोन्नति तो हुई। पुलिस स्टेशन भी बदले गए परंतु विभाग नहीं बदला। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ पुलिस वाले अपनी पोस्टिंग साम-दाम के बल पर डीबी का इंचार्ज बनने के लिए पूरी शक्ति लगा देते है। चर्चा यह भी है कि इनको इंचार्ज बनाने में कुछ छुट भैय्या पत्रकारों ने भी अपनी भूमिका निभाई है। अब जब से पुलिस आयुक्त का पद्भार कृष्ण प्रकाश ने संभाला है तब से अवैध धंधा चलाने वाले शहर से अपना बोरिया बिस्तर बांधकर दूसरे आयुक्तालय की सीमा में शिफ्ट हो चुके है। कुछ अवैध चालकों ने कार्रवाई से भयभीत होकर अपना धंधा बंद करके घरों में कैद हो गए है। डीसीपी मंचक इपर ने महिलाओं से अपील की है कि अगर उनके साथ कोई अत्याचार,अन्याय होता है तो उनके पास आकर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती है। अन्याय,अत्याचार सहन करने का मतलब है कि गलत शक्तियों को बढावा देना। महिलाएं साहस,हिम्मत दिखाएं,आगे आएं,पुलिस विभाग महिलाओं की रक्षा सुरक्षा के लिए 24 घंटे सेवा में तत्पर है।
सुधीर अस्पत की बदली भी संभावित थी। एक गंभीर प्रकरण में इनका नाम सुर्खियों में आया। शिवसेना के पूर्व विधायक अॅड गौतम चाबुकस्वार ने पत्रकार परिषद लेकर जांच की मांग की थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास शिकायत की है। प्रकरण की जांच सीआयडी के माध्यम से चल रहा है। इस प्रकरण में तीन पत्रकार,चार स्थानीय नेता,एक पूर्व पुलिस आयुक्त का नाम भी जोडा गया। शिकायतकर्ता पुलिस विभाग का एक कर्मचारी था। हलांकि इस कर्मचारी ने बाद में यू टर्न लेते हुए लिखे पत्र को फर्जी बताकर मामला ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की थी। लेकिन गौतम चाबुकस्वार ने पत्रकार परिषद लेकर मामले को तूल दिया और जांच के घेरे में सभी लोग आ गए है। सुधीर अस्पत की बदली फिरौती/डैकती/विरोधी पथक से भोसरी ट्रॉफिक विभाग में की गई है। कुछ पुलिस निरिक्षकों का कार्यकाल पूरा होने पर रुटिन बदली हुई है।
आओ देखते है कि कौन कहां से 30 पुलिस अधिकारियों की बदली हुई और वे कौन सी नई जगह भेजे गए है।
पिंपरी चिंचवड शहर के तेजतर्रार,कार्यक्षम,कर्तव्यनिष्ठ,स्वच्छ छवि वाले पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने पद्भार संभालते ही जीरो टॉलरेंस,संपूर्ण अवैध धंधे पर पाबंदी लगाने का फरमान अपने पुलिस निरिक्षकों को जारी किया था। कमिश्नर के सांचे में कुछ अधिकारी उतर नहीं सके और लंबी छुट्टी के बाद बदली करा ली। पुलिस संख्याबल कम होते देख कमिश्नर ने सरकार को पत्र लिखा और नए डीसीपी,एसीपी,12 नए पुलिस निरिक्षक पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तालय में भेजे गए। लेकिन कृष्ण प्रकाश ने देखा कि कुछ पुराने पुलिस अधिकारी/निरिक्षक सहयोग नहीं कर रहे,बार बार मौका देने के बाद भी काम के प्रति गंभीर नहीं हो रहे तो स्वच्छता अभियान को हाथ में लिया। ऐसे अधिकारियों का रिकॉर्ड,डेटा इकट्ठा किया और जम्बो बदली का आदेश जारी किया। कृष्ण प्रकाश एक साफ सुथरी,कार्यक्षम टीम गठित करके शहर से क्राइम,अवैध धंधों पर पूर्ण रुप से लगाम लगाना चाहते है। अब जो पुलिस अधिकारी,कर्मचारी कमिश्नर के इस सांचे में जो फीट नहीं बैठेंगे उनका महत्वपूर्ण जवाबदारी वाले पद से हटना तय है।