महाराष्ट्र का हंगामेदार सत्र शुरु,पंचायत सुधार बिल पास
मुंबई-दो दिवसीय अधिवेशन में सरकार 14 विधेयक मंजूर कराएगी जबकि 9 अध्यादेश तथा 1 प्रस्तावित अध्यादेश को सदन के पटल पर रखा जाएगा। शनिवार से सत्र में शामिल विधायकों और सरकारी अधिकारियों सहित लगभग 2,200 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है। कोरोना के 9 लाख से ज्यादा मामलों के बीच सोमवार से महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय मानसून सत्र शुरू हो गया है। महामारी के कारण सत्र को सिर्फ दो दिन का रखा गया है। सोमवार को इसमें शामिल होने वाले दो विधायकों और 37 कर्मचारियों में कोरोना पॉजिटिव आया है। स्वास्थ्य विभाग की और से सत्र में इसमें शामिल होने वाले सभी लोगों का रविवार को स्वाब टेस्ट करवाया गया है। जिनका परिणाम सोमवार को आया है।
2200 लोगों का हुआ कोरोना टेस्ट
शनिवार से सत्र में शामिल विधायकों और सरकारी अधिकारियों सहित लगभग 2,200 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है, कुछ की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। सोमवार को सभी विधायक चेहरे पर मास्क और ग्लव्स पहनकर अधिवेशन सत्र में शामिल हुए।
विधानसभा सत्र अपडेट
सत्र के पहले दिन सरकार की ओर से ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने ग्राम पंचायत सुधार विधेयक सदन के पटल पर पेश किया। जिसे विपक्ष के विरोध के बावजूद पास करा दिया गया।
विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने इस बिल को लेकर सदन में कड़ी आपत्ति जताई। संख्या बल के आधार पर बिल जैसे ही पास हुआ विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया।
देवेंद्र फड़नवीस ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा, इस बिल से जुड़ा मामला अभी अदालत में लंबित है। इससे पहले सरकार ने अदालत के खिलाफ अपना पक्ष पेश करने का काम किया है। अदालत के फैसले के अनुसार इसे नियुक्त करें।
इसका जवाब देते हुए हसन मुश्रीफ ने कहा, क्या आप राज्यपाल का चुनाव करते समय कोई विज्ञापन देते हैं? जो व्यक्ति लायक है उसे ही नौकरी पर रखते हैं न? मुशर्रफ ने कहा, हम अपनी मर्जी से किसी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं कर रहे हैं, हम सरपंच का कार्यकाल नहीं बढ़ा रहे हैं। फिर इस बिल का विरोध क्यों किया जा रहा है।
इसपर देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, मुशर्रफ ग्राम पंचायत के लिए प्रशासक नियुक्त करने की जल्दी में हैं, लेकिन हम इसे मानदंडों से बाहर नहीं होने देंगे। इस पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा,यह बिल अलग है। अगर अदालत में कोई फैसला होता है,तो इसका पालन किया जाएगा। विपक्षी दलों को इसे गलत नहीं समझना चाहिए।
रद्द कर दी गई थी चाय पार्टी
इससे पहले हर अधिवेशन की पूर्व संध्या पर होने वाली परंपरागत चाय पार्टी इस बार कोरोना के मद्देनजर रद्द कर दी गई। कोरोना संक्रमण को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साध सकती है। सरकार की ओर से भी विपक्ष को जवाब देने की तैयारी की गई है।
विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि सरकार कोरोना नियंत्रण में पूरी तरह असफल साबित हुई है। दो दिन के अधिवेशन में हम इसका पर्दाफाश करेंगे। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने बताया कि विधान परिषद में सभापति पद के चुनाव का फैसला सदन के सभपाति रामराजे नाईक-निंबालकर करेंगे। विधानसभा प्रवेश द्धार पर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी और शेख ने हाथों में बैनर लेकर खडे दिखे। जिसमें लिखा था महाराष्ट्र की गरीब जनता का बिजली बिल सरकार माफ करो।
विदर्भ में बाढ़ भी रहेगा बड़ा मुद्दा
राज्य विधानमंडल का मानसून अधिवेशन में विदर्भ में बारिश और बाढ़ के कारण फसलों की बर्बादी का मुद्दा भी गूंजेगा। बारिश और बाढ़ के कारण नागपुर सहित विदर्भ के वर्धा, चंद्रपुर, गोंदिया, भंडारा, यवतमाल, गडचिरोली, अमरावती जिले में भारी तबाही देखने को मिली है। नागपुर संभाग के लिए सरकार ने 16.48 करोड़ रुपए की निधि को मंजूरी दी है, जबकि इससे तीन गुना नुकसान का अनुमान है। किसानों को आस है कि उनके क्षेत्र के संबंधित विधायक अधिवेशन में ले और राहत पैकेज के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे।