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राजू मिसाल बने विरोधी नेता…बाकी की गई भैंस पानी में…..

पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा में विरोधी पक्षनेता पद पर पूर्व उप महापौर और पार्थ पवार के समर्थक राजू मिसाल की नियुक्ति की गई है। अब केवल औपचारिक घोषणा बाकी है। आज पिंपरी चिंचवड शहर अध्यक्ष संजोग वाघेरे उपमुख्यमंत्री के आदेशानुसार पालिका में नगरसचिव से मिलकर राजू मिसाल के नाम का पत्र सौंपा। नगरसचिव उल्हास जगताप विभागीय आयुक्त सौरव राव के पास सिफारिश पत्र भेजेंगे। वहां से मंजूर होकर महापौर के पास आएगा और महापौर उषा माई ढोरे अपना विधिवत पत्र देकर राजू मिसाल को विरोधी पक्षनेता की घोषणा करेंगी। इसी दिन नाना काटे अपना चार्ज राजू मिसाल को सौपेंगे।
इस पद के लिए आखिर क्षणों में अजित गव्हाणे,डॉ वैशाली घोडेकर और राजू मिसाल के बीच खींचतान जारी था। कालेवाडी से संतोष कोकणे,विनोद नढे भी इच्छुक थे। लेकिन अजित पवार ने राजू मिसाल के नाम पर मुहर लगाकर सबकी भैंस पानी में डाल दी। लेकिन आखिर में राजू मिसाल बाजी मार गए। राजू मिसाल ये पार्थ पवार के समर्थक माने जाते है। लोकसभा चुनाव के समय गहरे व मधूर संबंध बने। पार्थ पवार की चुनावी कमान राजू मिसाल ने मजबुती से संभाली। शहर में घूमाया और लोगों से मिलाया। पार्थ पवार ने ही राजू मिसाल की सिफारिश की है यह बात छनकर आ रही है। मतलब पिंपरी चिंचवड मनपा की राजनीति में पार्थ पवार की एन्ट्री हो चुकी है ऐसा कहना गलत नहीं होगा। पिंपरी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले प्राधिकरण-निगडी परिसर से लगातार 4 बार नगरसेवक रह चुके है। उपमहापौर,स्थायी समिति में दो साल सदस्य,क्रीडा सभापति विभिन्न पदों पर रह चुके है। राजू मिसाल के पास पालिका में कामकाज का लंबा अनुभव है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक अण्णा बनसोडे समेत 34 में से अधिकांश नगरसेवक राजू मिसाल के पक्ष में खडे दिखे। पालिका में राकांपा के कुल 36 नगरसेवक 2017 के चुनाव में चुनकर आए थे। कोरोना संक्रमण के कारण दुर्भाग्य से 2 नगरसेवक दत्ता काका साने और जावेेद शेख का निधन हो गया।

पिंपरी चिंचवड मनपा का चुनाव 2022 में होने जा रहा है। राजू मिसाल इस टर्म के आखिरी विरोधी पक्षनेता होंगे। पहले साल में योगेश बहल, दूसरे साल में स्व.दत्ता काका साने,तीसरे साल में नाना काटे विरोधी नेता बने। सभी को एक दो महिने ज्यादा मिला। राजू मिसाल के विरोधी पक्षनेता कार्यकाल में पालिका का चुनाव होगा। अब पार्टी में कितना जान फूंक सकेंगे यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन पालिका में वापस सत्ता काबिज करना सबसे बडी चुनौति होगी। शहर अध्यक्ष बदलने की भी चर्चा जोरों पर चल रही है। इसके लिए योग्य स्थानीय नेता की तलाश की जा रही है। वर्तमान अध्यक्ष संजोग वाघेरे के नेतृत्व में 2017 में पालिका का चुनाव लडा गया पार्टी सत्ता गंवाई। विधायक,लोकसभा का चुनाव लडा गया पार्टी का खाता तक नहीं खुला। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्थ पवार मावल से चुनाव हार गए। विधानसभा चुनाव में केवल अण्णा बनसोडे निर्वाचित हुए। लेकिन इसका श्रेय आसवानी ब्रदर्स को जाता है जिन्होंने अपना मनीपॉवर,मसलपॉवर,मैनपॉवर लगाकर अण्णा बनसोडे को विषम परिस्थितियों में चुनकर लाने में कामयाब हुए।

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