पिंपरी-पिंपरी विधानसभा चुनाव में मतदान के दिन पिंपरी कैम्प में नगरसेवक डब्बू आसवानी और बबलू सोनकर ग्रुप के बीच हुई खूनी मारपीट प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। 9 महिने बाद पिंपरी चिंचवड पुलिस ने इस मामले में 11 नए लोगों का नाम चार्जशीट में जोडा है। इसके विरोध में आसवानी ब्रदर्स राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात की और पुलिस के कामकाज पर सवाल खडा करते हुए जांच अधिकारी एसीपी श्रीधर जाधव की संदिग्घ भूमिका की जांच की मांग की। साथ ही आयुुक्त संदीप बिष्णोई की बदली और पूरे प्रकरण की सीआयडी जांच की मांग लिखित तौर पर की। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्त विष्णोई को दोबारा जांच कराने और सत्यता पर आधारित रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिए है।
क्या है पूरा मामला आओ समझाते है। विधानसभा चुनाव मतदान के दिन नगरसेवक डब्बू आसवानी के पिंपरी कैम्प निवास पर शिवसेेना के उम्मीदवार गौतम चाबुकस्वार के कार्यकर्ता बबलू सोनकर और आसवानी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हुई थी। इस मामले में पुलिस ने दोनों गुटों के विरुद्ध क्रॉस अपराध पंजिकृत की थी। दोनों गुटों की गिरफ्तारी,पुलिस रिमांड,जेल,जमानत के बाद मामला शांत रहा है। 9 महिने बाद पुलिस ने इस प्रकरण में चॉर्जशीट भेजते समय डब्बू आसवानी के 11 नए लोगों का नाम जोडा और अल्ट्रासीटी का अतिरिक्त गुनाह दर्ज किया। डब्बू आसवानी ने आज पत्रकार परिषद में कहा कि उनका भाई राजू आसवानी और धनराज आसवानी जो बीमारी से ग्रस्त होने के कारण घर से बाहर नहीं निकलते उनका नाम भी चॉर्जशीट में शामिल किया गया है। कुछ ऐसे नाम शामिल किए गए जिनका झगडे से कोई संबंध नहीं रहा। घटना स्थल पर नहीं थे। पुलिस कोई दबावतंत्र के तहत काम की है।
आसवानी ब्रदर्स पुलिस के कामकाज के विरोध में गृहमंत्री अनिल देशमुख,उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मिलकर 25 अगस्त के दिन शिकायत की। जिसका संज्ञान लेते हुए गृहमंत्री देशमुख ने पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्त संदीप विष्णोई को प्रकरण की दोबारा जांच कराके सही रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।