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चंद्रकांत पाटिल को कोर्ट का झटका,शपथपत्र में संपत्ति-आपराधिक जानकारी छुपायी

विधायक पद खतरे में! 16 सितंबर तक पुलिस को जांच रिपोर्ट जमा करने के आदेश

पिंपरी- महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पुणे के कोथरुड से विधायक चंद्रकांत पाटिल को पुणे कोर्ट से तगडा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव के समय अपने चुनावी हलफनामा में असली जानकारी छुपाई और झूठी जानकारी चुनाव आयोग को दी। इस मामले में पुणे कोर्ट के प्रथमवर्ग न्यायदंडाधिकारी जे.एस.केळकर ने न्यायालय में शिकायत दर्ज करके पुलिस को जांच के आदेश दिए है। जांच की सविस्तार रिपोर्ट 16 सितंबर 2020 तक कोर्ट में पेश करने का आदेश पुलिस को दिए गए है। क्या है पूरा मामला आओ सविस्तार से बताते हैं।

शिकायतकर्ता डॉ.अभिषेक हरिदास के अनुसार चंद्रकांत पाटिल के विरुद्ध कोल्हापुर के राजारामपुरी पुलिस स्टेशन में अपराध पंजिकृत है जिसका क्रमांक एफआयआर 109/2012 है। इस मामले में पुलिस ने चार्जफ्रेम भी की थी। इस बारे में समन भी जारी हुआ था। साथ ही चंद्रकांत पाटिल दो कंपनियों में डायरेक्टर है जिसका डायरेक्टर नंबर 1502437 है। इन दोनों प्रकरण को चंद्रकांत पाटिल 2019 के कोथरुड विधानसभा चुनाव के वक्त चुनावी हलफनामा में छुपाया और चुनाव आयोग को गुमराह किया। कंपनी में डायरेक्टर और उसमें से मिलने वाला उत्पन्न दोनों बातों को छुपाया। साथ ही कोल्हापुर में जो इनके विरुद्ध अपराध पंजिकृत है और पुलिस ने चार्जफ्रेम की है उस बात को भी छुपाने का काम किया। हलांकि बाद में पुलिस ने ठीक से अपना काम नहीं की। ऐसा आरोप डॉ.अभिषेक हरिदास ने लगाए है।
पुणे कोर्ट के प्रथमवर्ग न्यायदंडाधिकारी जे.एस.केळकर ने शिकायतकर्ता डॉ.अभिषेक हरिदास की शिकायता का संज्ञान लेते हुए शिकायतकर्ता की याचिका दर्ज करके आदेश पारित किया है कि पुलिस इस प्रकरण की संपूर्ण जांच पडताल करके अगले महिने 16-9-2020 के दिन कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें। इस बारे में चंद्रकांत पाटिल ने अपनी प्रतिक्रिया में एक पत्र के माध्यम से कहा है कि राजनीतिक षडयंत्र के चलते उनको बदनाम करने की कोशिश हो रही है। कोर्ट का आदेश कॉपी अभी तक उन्हें नहीं मिला है। इसलिए इस बारे में ज्यादा बोलना उचित नहीं है। लेकिन चुनाव के समय विरोधी उम्मीदवार को आपत्ति दर्ज करने का अधिकार होता है। उस समय किसी ने कोई आपत्ति दर्ज क्यों नहीं करायी।
ऐसे मामलों में राजनीतिक और कानून विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी हलफनामा के अंदर झूठी जानकारी देने और असली जानकारी छुपाने की बात कोर्ट में साबित हो जाती है तो चंद्रकांत पाटिल का विधायक पद रद्द हो सकता है। देश में ऐसे कई मान्यवरों का सांसद,विधायक पद रद्द हुए है।

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