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महाराष्ट्र का पहला पीपीपी कोविड सेंटर भोसरी में, हर प्रभाग में 100 बेड


पिंपरी-महाराष्ट्र का पहला पीपीपी कोविड-19 सेंटर भोसरी में बनने जा रहा है। भोसरी के भाजपा विधायक महेश लांडगे और पालिका आयुक्त श्रावण हर्डीकर की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में पालिका के मुख्य आरोग्य वैद्यकीय अधिकारी,आरोग्य विभाग प्रमुख उपस्थित थे। महाराष्ट्र में यह पहला प्रयोग होगा जो सार्वजनिक और जनसहयोग से पीपीपी कोविड सेंटर की संकल्पना साकार होगी।
पिंपरी चिंचवड शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 8 हजार पार हो चुकी है। कोरोना बेकाबू होकर तांडव कर रहा है। हाथ में हाथ धरे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा। भविष्य में अस्पतालों,डॉक्टरों,मेडिकल साहित्य की कमतरता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों पर काफी तनाव भरी स्थिति है।
प्रत्येक प्रभाग में 100 बेड कोविड सेंटर-
पिंपरी चिंचवड मनपा सीमा में कुल 32 प्रभाग है। भोसरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 12 प्रभाग है। प्रत्येक प्रभाग में 100 बेड वाले कोविड सेंटर का निर्माण होगा। इसके लिए निजी-सरकारी स्कुल,कॉलेज की जगह,इमारत को अधिग्रहित की जाएगी। प्रभाग के 4 नगरसेवक और उनकी मदद के लिए 8-10 की संख्या में स्वयंसेवकों की टीम गठित होगी। ये लोग कोविड सेंटर का कामकाज संभालेंगे। इससे कोरोना मरीजों को उनके घरों के नजदीक उपचार अथवा क्वारंटाइन सुविधा उपलब्ध मिलेगी। भोसरी में 12 प्रभागों में कुल 1200 बेड की सुविधा सर्वप्रथम प्रारंभ होगी। इससे वायसीएम पर बढ रहे दिन पर दिन मरीजों के इलाज का बोझ हल्का होगा।
नगरसेवक,डॉक्टरों को सच्ची और अच्छी समाजसेवा करने का अवसर-
पालिका प्रशासन निजी डॉक्टरों को कोविड केअर सेंटर में काम करने के लिए मदद स्वरुप ले रही है। डॉक्टरों को मिलने वाला मानधन बेहद कम होने से नाराजगी का रोष है। जिसके चलते निजी डॉक्टर और प्रशासन के बीच तालमेल का अभाव है। अगर प्रभाग स्तरीय कोविड सेंटर में एक दिन मुफ्त सेवा करने की जबाबदारी डॉक्टरों ने स्वेच्छा से उठाई तो 20-30 हजार लोकसंख्या वाले एक प्रभाग में 30 निजी डॉक्टर निश्‍चत उपलब्ध होते है। मतलब महिने भर प्रशासन को 30 दिन मुफ्त डॉक्टर उपलब्ध मिल सकते है। डॉक्टरों को भी कोरोना काल में समाजसेवा करने का मौका मिलेगा और पालिका प्रशासन को भी मदद मिलेगी। नगरसेवक भी सच्ची व अच्छी समाजसेवा करने का अवसर का लाभ उठा सकते है।
राजनीति से उपर उठकर एकजुटता की जरुरत-
कोरोना महामारी संकट में दलगत से उपर उठकर एकजुट होकर नगरसेवक,पूर्व नगरसेवक,कार्यकर्ता एक साथ आकर नेक काम में अपना योगदान दें। ऐसी अपील महेश लांडगे ने की।स्थानिय सामाजिक संस्था,स्वयंसेवक की मदद भी मिलेगी और कोरोना जंग को जीतने के लिए हरसंभव उपाय योजना की जा सकती है। सामाजिक संगठना के कार्यकर्ता अपने अपने प्रभाग में मरीजों की सेवा करेंगे ऐसा विश्‍वास है।
पीपीपी तत्व पर विकास काम की तर्ज पर कोरोना मरीजों की सेवा संभव-
पालिका प्रशासन और पीपीपी तत्व मतलब पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशीप के तत्वाधान में आज तक अनेकों विकास कार्य शहर में हुए। ठीक उसी तरह कोरोना मरीजों की सेवा का यह प्रयोग महाराष्ट्र में पहली बार होने जा रहा है। इसमें पालिका का कम खर्च होगा। सामाजिक संगठना,दानवीरों की मदद से पीपीपी कोविड सेंटर सुचारु किया जा सकता है। डॉक्टर 1 दिन अपनी फ्री सेवा दे सकते है। ऐसे तो डॉक्टरों को 1 महिना मानधन 1 लाख रुपये देना पडता है। पीपीपी के तहत डॉक्टर 1 दिन की सेवा मुफ्त देंगे। यह कोविड सेंटर सफल रहा तो देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बनेगा।

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