ताज़ा खबरे
Home / pimpri / सैकडों वैज्ञानिकों का दावा, थूंक,छिंक के कणों से फैलता है कोरोना

सैकडों वैज्ञानिकों का दावा, थूंक,छिंक के कणों से फैलता है कोरोना

SEOUL, SOUTH KOREA – FEBRUARY 26: Disinfection professionals wearing protective gear spray anti-septic solution against the coronavirus (COVID-19) at a traditional market on February 26, 2020 in Seoul, South Korea. Government has raised the coronavirus alert to the “highest level” as confirmed case numbers keep rising. Government reported 169 new cases of the coronavirus (COVID-19) bringing the total number of infections in the nation to 1,146 with the potentially fatal illness spreading fast across the country. (Photo by Chung Sung-Jun/Getty Images)

नई दिल्ली- अगर आप भीड़भाड़ से दूर बिना मास्क के खुले में यह सोचकर घूमते हैं कि आप किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क से दूर हैं और ऐसे में कोरोना वायरस आपके शरीर में एंट्री नहीं करेगा, तो संभल जाइए्। दुनिया भर के सैकड़ों वैज्ञानिकों ने अपनी रिचर्स में पाया है कि कोविड- 19 का यह खतरनाक वायरस एयरबोर्न यानी हवा के जरिए भी फैलता है। 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया कि नोवेल कोरोना वायरस के छोटे-छोटे कण हवा में भी जिंदा रहते हैं और वे भी लोगों को संक्रमित कर सकते ह््ैं।
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस के फैलने के तरीकों को साफ करते हुए कहा था कि इस वायरस का संक्रमण हवा से नहीं फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तब साफ किया था कि यह खतरनाक वायरस सिर्फ थूंक के कणों से ही फैलता है। ये कण कफ, छींक और बोलने से शरीर से बाहर निकलते ह््ैं। थूंक के कण इतने हल्के नहीं होते जो हवा के साथ यहां से वहां उड़ जाए्ं। वे बहुत जल्द ही जमीन पर गिर जाते ह््ैं।
लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों का नया दावा अब कुछ और ही कह रहा है। वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से इस वायरस की रिकमंडेशन्स (संस्तुति) में तुरंत संशोधन करने का आग्रह किया है। बता दें दुनिया भर में इस वायरस का कोहराम लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
अभी तक वैश्विक स्तर पर 1 करोड़ 15 लाख 44 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 5 लाख 36 हजार से ज्यादा लोगों की इसके चलते मौत हो चुकी है। भारत में भी कोविड- 19 से संक्रमित होने के मामले में यह आंकड़ा 7 लाख के करीब पहुंच चुका है और यहां अब तक 19,286 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में अगर इस वायरस के एयरबोर्न होने का दावा सही निकलता है तो यह लोगों की चिंताएं और बढ़ाने वाला होगा।
32 देशों के इन 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक खुला पत्र लिखा है। इन सभी वैज्ञानिकों ने दावा किया कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं, जिससे यह माना जाए कि इस वायरस के छोटे-छोटे कण हवा में तैरते रहते हैं, जो लोगों को संक्रमित कर सकते ह््ैं। यह लेटर साइन्टिफिक जर्नल में अगले सप्ताह प्रकाशित होगा।

Check Also

संजोग वाघेरे के नामांकन पर्चा दाखिल रैली में उमड़ा जनसैलाब

आदित्य ठाकरे,अमोल कोल्हे,सचिन अहिर,माणिक ठाकरे रहे उपस्थित पिंपरी- मावल लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना उद्धव ठाकरे-राकांपा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *