पिंपरी – पिंपरी चिंचवड समेत महाराष्ट्र में कार्यरत स्कूल, कॉलेज के प्रबंधक/संचालक/मालक सावधान हो जाओ वर्ना मान्यता रद्द हो सकती है। जी हां हम आपको बता दें कि अगर कोरोना में शुरु लॉकडाउन के दौर में अगर फीस वृद्धि की अथवा पालकों/छात्रों से सख्ती के साथ फीस वसूली की तो आपके स्कुल/कालेज की मान्यता रद्द हो सकती है। महाराष्ट्र शासन द्धारा जारी एक परिपत्रक (जीआर) में ऐसी चेतावनी दी है।
पिंपरी चिंचवड मनपा शिक्षा विभाग के शिक्षणाधिकारी ज्योत्सना शिंदे ने चेतावनी दी है कि अगर किसी छात्र अथवा पालक की इस बारे में शिकायत आती है या फिर हमारी टीम रंगेहाथ पकडती है या खबर लगती है तो संबंधित स्कूल/कालेज के संचालक/प्रबंधक को सर्वप्रथम नोटिस देकर खुलासा मांगा जाएगा। इसके बावजूद् सुधार नहीं हुआ तो राज्य सरकार के पास मान्यवता रद्द करने की सिफारिश भेजी जाएगी। सरकारी नियमों के गाइडलाइन का पालन सबको करना अनिवार्य है। नियमों के अंतर्गत ही स्कुल चलाना होगा। शिक्षणाधिकारी ज्योत्सना शिंदे ने हमारे संवाददाता को एक साक्षात्कार में यह जानकारी दी।
शिंदे मैडम ने यह बात भी बताया कि कुछ स्कुल वाले पालकों को स्कूल से किताब, कापियां, ड्रेस, बैग आदि स्कूली साहित्य खरीदने पर मजबूर कर रहे है जो गलत बात है। ऐसा बिल्कुल न करें वर्ना कार्रवाई की जाएगी। स्कुल फीस चालू वर्ष व आगामी वर्ष के लिए सख्ती न करके किश्तों में पालकों की सुविधा के अनुसार चरणबद्ध तरीके से लिया जाना चाहिए। कक्षा 2 तक की ऑनलाईन की पढाई पर रोक लगी है। इसके बावजूद कुछ स्कूल नियमों का पालन नहीं कर रहे जो गलत बात है। ऐसे लोग कार्रवाई के दायरे में आ सकते है। कक्षा 3 से 10 वीं तक ऑनलाइन पढाई की छूट दी गई है। सभी बोर्ड, सभी माध्यम और सभी पूर्व प्राथमिक से 12 वीं तक सभी के लिए शासन का उपर्युक्त नियम लागू होता है। सभी को नियमों का पालन करना होगा।
आरटी प्रवेश प्रक्रिया के बारे में शिक्षणाधिकारी ज्योत्सना शिंदे ने बताया कि शासन ने एक परिपत्रक जारी करते हुए सभी बोर्ड, माध्यम के स्कूलों को निर्देश दिए है कि वो 25 प्रतिशत सीट वंचित, दुर्बल घटक के बच्चों के लिए आरक्षित रखें। आरटी प्रवेश प्रक्रिया 17 मार्च 2020 को शुरु की गई थी। जिसमें 100920 छात्रों का चयन हुआ था। कुल 75465 छात्रों की प्रतिक्षा सूची जारी की गई थी। लेकिन लॉकडाउन के चलते प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी। 24 जून से प्रवेश प्रकिया आरंभ हो रही है। सरकार के नियमों व गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल पालकों को तिथि के अनुसार बुलाए और सारे दस्तावेजों की जांच पडताल के बाद प्रवेश दें। अगर लॉकडाऊन के कारण कोई पाल्य/पालक गांव में है या दूसरे राज्यों में गया हो और निर्धारित तिथि में उपस्थित न हो सके तो दूसरी तिथि देकर बुलावा भेजें। फिर भी न उपस्थित हो सके तो तीसरी बार मौका दिया जाना चाहिए। अगर कोई गलत, फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रवेश हासिल करता है और पकडा जाता है तो गुनाह दर्ज किया जाएगा। इस बारे में पालकों को एक प्रतिज्ञापत्र देना होगा।