पुणे- आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। कोरोना दौर में पुणे में 9वीं कक्षा के एक स्टूडेंट ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो कोविड-19 वार्ड में डॉक्टर और नर्सों की काफी मदद करेगा। यह रोबोट नर्सों के विकल्प के रूप में काम करेगा और मरीजों को दवाइयां पहुंचाएगा। दस्तूर हाई स्कूल में पढ़ने वाले 14 साल के विराज शाह ने नायडू अस्पताल को अपना रोबोट दान किया है। विराज को बहुत कम उम्र में ही रोबोट के निर्माण में मन लगने लगा। उन्होंने लॉकडाउन के समय का भरपूर इस्तेमाल किया और एक नेक काम के लिए रोबोट का आविष्कार किया। रोबोट के लिए बेसिक स्कैलटन तैयार करने के बाद उन्होंने पुणे नगरपालिका (पीएमसी) कमिश्नर शेखर गायकवाड़ से मुलाकात की। शेखर ने विराज को सलाह दी कि रैंडम प्लान पर संसाधन बर्बाद करने के बजाय उन्हें हेल्थ स्टाफर से मिलकर स्थिति समझनी चाहिए।दो इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने मदद की विराज ने बताया, मैंने नायडू अस्पताल का दौरा किया जहां मैंने स्टाफर से बातचीत की। वे सभी मरीजों को दवाइयां और पानी दे रहे थे। इस छोटे से काम के लिए उन्हें पूरी पीपीई किट पहननी होती है। इसी दौरान मैंने तय किया कि मैं अपना रोबोट इसी काम के लिए दान करूंगा। इसके बाद विराज ने प्रोटोटाइप पर दो इंजीनियरिंग स्टूडेंट के साथ काम किया, जो उनके साथ वॉलनटिअर्स के रूप में जुड़े थे। 45 दिन में रोबोट तैयार किया प्रोग्रामिंग में इंजीनियरिंग छात्रों की मदद मिलने से विराज ने 45 दिन में रोबोट तैयार किया और इसका नाम कोविड वारबोट रखा। इसे 60,000 की लागत से तैयार किया गया। रोबोट में तीन कंपार्टमेंट हैं जिनमें काफी कुछ सामान रखा जा सकता है। पीएमसी के असिस्टेंट हेल्थ चीफ डॉ. संजीव वरवरे ने बताया, रोबोट काफी मददगार होगा क्योंकि इससे दवाइयां, टिफिन, पानी और दूसरे आइटम वार्ड में राउंड लगाए बिना मरीजों तक पहुंचाए जा सकते हैं। इससे स्टाफर दूसरे कामों में ध्यान दे पाएंगे।
Tags नर्स पुणे में बच्चे ने बनाया रोबोट
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