पुणे में पुलिस ने भांजी श्रमिक मजदूरों पर लाठियां
पुणे, महाराष्ट्र में पुणे के वारजे क्षेत्र में करीब 500 से ज्यादा प्रवासी श्रमिक एक स्थान पर जमा हो गए लेकिन बाद में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। एक अधिकारी ने बताया कि श्रमिकों के अचानक जमा होने के पीछे की वजह गलतफहमी थी। मजदूरों में यह गलत जानकारी फैल गई थी कि उन्हें घर भेजे जाने के लिए अनिवार्य ऑनलाइन आवेदन करने को लेकर एक काउंटर खोला गया है। वाजरे पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया, श्रमिक आम तौर पर एक विशेष स्थान मजूर अड्डा पर जुटते ह््ैं। यह स्थान वारजे क्षेत्र के फ्लाईओवर के नीचे है। यहीं से इन्हें काम मिलता है।उन्होंने बताया कि पुलिस ने श्रमिकों की सहायता के लिए उपलब्ध ऑनलाइन आवेदनों की जानकारी देते हुए बोर्ड लगाए थे। उन्होंने बताया कि बोर्ड के निकट एक पुलिस चौकी है, जहां पर कुछ पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे। अधिकारी ने बताया, आश्रय गृह में रह रहे कुछ श्रमिकों ने सोचा कि पुलिस ने फ्लाईओवर के नीचे काउंटर खोला है। इस समझ के साथ ही श्रमिक दोपहर तक वहां जुटने लगे। उन्होंने कहा कि कम से कम 500 श्रमिक वहां जमा हो गए जबकि पुलिस कर्मी गलतफहमी दूर करने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारी ने बताया कि श्रमिक समझने के लिए तैयार नहीं थे और उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।उन्होंने बताया कि पुलिस ने अब आश्रय गृह में चार कंप्यूटर लगा दिए हैं और आवेदन भरने का कार्य जारी है। अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश के ह््ैं। रेलवे फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों और पर्यटकों के लिए महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से विशेष ट्रेन उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडिशा के लिए चला रही है। महाराष्ट्र सरकार के निर्देश के अनुसार ऐसे श्रमिकों को पहले ऑनलाइन आवेदन भरना होगा और फिर स्वास्थ्य रिपोर्ट लेनी होगी। इसके बाद ही उन्हें ट्रेनों और निजी बसों से जाने की अनुमित होगी।