पुणे- लाख जतन उपाय योजना के बावजूद पुणे में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। पालकमंत्री अजित पवार जो उपमुख्यमंत्री है वे खुद कमान संभाले हुए है। 4 वरिष्ठ आला अफसरों को छांट छांटकर पुणे तबादला कराके कोरोना महामारी को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी। ससून जिला अस्तपताल के डीम की बदली भी की। फिर भी कोरोना जंग के मैदान को छोडने का नाम नहीं ले रहा है। अब पूरे पुणे शहर को 3 मई तक कन्टेनमेंट घोषित किया गया।
पुणे महानगरपालिका पालिका के आयुक्त शेखर गायकवाड़ द्वारा जारी आदेश के बाद मंगलवार को पुलिस ने पहले से लागू प्रतिबंध को और कड़ा कर दिया है। मांजरी की सब्जी मंडी को बंद कर दिया गया है। सोमवार को पुणे में कोरोना वायरस के 84 मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,384 हो गई और बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई्।
पुलिस संयुक्त आयुक्त रवींद्र शिस्वे ने कहा, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हमने पुणे शहर में पहले से ही कर्फ्यू लागू किया है।फ दिन में कुछ समय के लिए प्रतिबंध में ढील दी गई थी, ताकि लोग आवश्यक वस्तुएं खरीद सके्ं। हालांकि, लोग मान नहीं रहे हैं इसलिए अब कड़ाई और ज्यादा बढ़ा दिया गया है। घनी आबादी वाले इलाकों जैसे भवानी पेठ, कस्बा, शिवाजी नगर, ढोले पाटिल रोड और येरवडा इन सभी में झुग्गी बस्तियां बड़ी संख्या में ह््ैं। जिसके बाद यहां खास एतिहात बरता जा रहा है। भवानी पेठ इलाके में अब तक 245 कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके ह््ैं। राज्य में मुंबई के बाद पुणे सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है।
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