मुंबई-आंखों से अदाकारी में माहिर और अलग तरह की डायलॉग डिलिवरी के लिए पहचाने जाने वाले इरफान खान नहीं रहे। बुधवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उनका निधन हो गया। 53 साल के इरफान अपने घर में बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद एक हफ्ते से अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। उन्हें एक तरह का रेयर ब्रेन कैंसर था और उनकी कोलन इंफेक्शन की समस्या बढ़ गई थी। बीते शनिवार को ही उनकी मां सईदा बेगम का इंतकाल हो गया था। वे 95 साल की थीं और जयपुर में रहती थी्ं। लॉकडाउन और खुद की तबीयत खराब होने के कारण इरफान मां के जनाजे में शामिल नहीं हो पाए थे। उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए मां को आखिरी विदाई दी थी।
इरफान ने कहा था- मेरे शरीर के अंदर अनवॉन्टेड मेहमान बैठे हैं
इरफान ने फरवरी में अंग्रेजी मीडियम का ट्रेलर रिलीज होने के वक्त एक ऑडियो मैसेज जारी कर कहा था- मेरे शरीर के अंदर अनवॉन्टेड मेहमान बैठे ह््ैं। उनसे वार्तालाप चल रहा है। देखते हैं ऊंट किस कवरट बैठता है। जैसा भी होगा, आपको इतल्ला कर दी जाएगी। कहावत है कि व्हेन लाइफ गिव्ज यू लेमन, यू मेक ए लेमनेड। बोलने में अच्छा लगता है, लेकिन सच में जब जिंदगी आपके हाथ में नींबू थमाती है तो शिकंजी बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है। लेकिन आपके पास और चॉइस भी क्या होती है पॉजिटिव रहने के अलावा। सुनें उन्हीं के आवाज में..
इरफान ने ट्यूमर का लंदन में इलाज कराया था
इरफान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था। इसे रेयर ब्रेन कैंसर भी कहते ह््ैं। मार्च 2018 में इरफान को अपनी बीमारी का पता चला था। उन्होंने खुद फैंस के साथ यह खबर साझा की थी। इसका उन्होंने लंदन में इलाज कराया था। वे अप्रैल 2019 में ही भारत लौटे थे। लौटने के बाद इरफान ने ङ्गअंग्रेजी मीडियमफ फिल्म की शूटिंग शुरू की थी। यह फिल्म बीते मार्च में रिलीज हुई्।
राजस्थान के रहने वाले इरफान एनएसडी के स्टूडेंट थे
इरफान के परिवार में पत्नी सुतापा देवेंद्र सिकदर और दो बेटे बाबिल और अयान ह््ैं। इरफान खान टोंक के नवाबी खानदान से ताल्लुक रखते ह््ैं। उनका बचपन भी टोंक में ही गुजरा। उनके माता-पिता टोंक के ही रहने वाले थे। 7 जनवरी 1967 को जन्मे इरफान का पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था। वे एक्टिंग में बाय चांस आ गए्। वे क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वे फैमिली बिजनेस संभाले्ं। हालांकि, इरफान को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में जाने का मौका मिल गया और यहीं से उनका एक्टिंग करियर शुरू हुआ्। छोटे पर्दे पर उनकी शुरुआत ङ्गश्रीकांतफ और ङ्गभारत एक खोजफ से हुई्।
मकबूल, लंच बॉक्स, पीकू, पान सिंह तोमर ने उन्हें अलग पहचान दिलाई
1988 में आई मीरा नायर की फिल्म ङ्गसलाम बॉम्बेफ से इरफान ने शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने ममकबूलफ, मलाइफ इन अ मेट्रोफ, मद लंच बॉक्सफ, मपीकूफ, मतलवारफ और महिंदी मीडियमफ जैसी फिल्मों में काम किया। उन्हें महासिलफ (निगेटिव रोल), मलाइफ इन अ मेट्रोफ (बेस्ट एक्टर), मपान सिंह तोमरफ (बेस्ट एक्टर क्रिटिक) और महिंदी मीडियमफ (बेस्ट एक्टर) के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।