पिंपरी- देशवासी कोरोना जंग की लडाई लड रहे है। लॉकडाउन के कारण कारखाने, कंपनियां बंद है। लोग बेरोजगार होकर घर बैठे है। पिछले दो महिने से वेतन नहीं मिला। खाने पीने की समस्या से हरदिन जूझ रहे है। ऐसे संकट की घडी में बिजली बिल भरना उनके लिए किसी आत्महत्या से कम नहीं। पिछले मार्च से लेकर जून तक की बिजली बिल माफ की जानी चाहिए। ऐसी मांग केयर ऑफ पब्लिक सेफ्टी असोसिएशन (कॉप्स) नामक संस्था ने राज्य सरकार और उर्जा मंत्रालय को एक पत्र भेजकर की है।
कॉप्स के पदाधिकारी डॉ. अभिषेक हरिदास. आदम बेग ,आझम खान ,हाजी झरीन शेख ने बताया कि तालबंदी के दौर में कंपनी मालिक घर बैठे कामगारों को वेतन नहीं देंगे। कामगार व गरीब तबका बिजली बिल के पैसे कहां से लाएगा। इस संकट की घडी में राज्य सरकार बिजली बिल पूर्ण माफ करके लोगों को राहत देने का निर्णय लेना चाहिए।
केवल कामगार ही नहीं किसान मजदूर, कंपनी मालिक सभी लॉकडाउन की समस्या झेल रहे है। किसान की लागत नहीं मिल रही है। सब्जियां खेत में सड रही या जानवर खा रहे है। मोटर पंप की मदद से पानी खींचकर खेतों में लगाया। अगर आमदनी नहीं हुई तो भरकम बिजली बिल की रकम कहां से अदा करेगा? इस समस्या पर सरकार गंभीरता से विचार करना चाहिए और बिजली बिल तत्काल माफी का निर्णय लेना चाहिए।