पिंपरी-युवक का अपराध केवल इतना था कि उसे शेल्टर होम में पेट भर भोजन न मिलने से भूखा प्यासा रहने से वो अपने मूलगांव बिहार पटना जाना चाहता था। शेल्टर से बाहर निकलते ही कोथरुड की लठमार पुलिस उस भूखे प्यासे युवक पर बाज की तरह टूट पडी और देखते ही देखते नॉनस्टॉप 50 लाठियां तब तक मारी जबतक युवक जमीन में बेहोश होकर गिर नहीं पडा। लठमार पुलिसवालों का वीडयो जैसे ही सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो अपने लठमार पुलिस कर्मियों के बचाव में कोथरुड पुलिस स्टेशन की वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक प्रतिभा जोशी मीडिया में बयान देती हैं कि युवक पुलिसवालों पर थूंक रहा था और काबू में नहीं आ रहा था इसलिए काबू में लाने के लिए लाठियों का सहारा लेना पडा। पूरे मामले की लीपापोती हुई और 5 लठमार दोषी पुलिस जवनों को बचाने का प्रयास हुआ। यह घटना 20 अप्रैल को कोथरुड शेल्टर होम के बाहर घटी। सवाल है कि आखिर कब तक भेदभाव के तले यूपी-बिहार के लोगों पर अत्याचार होता रहेगा? पुलिस सिस्टम में बैठे आला अफसरों से हमारा सवाल है। क्या किसी एक कमजोर भूखे प्यासे युवक को काबू में करने के लिए पुलिस के पास लाठियां बरसाना एकमात्र विकल्प बचा था? क्या एक युवक 5 पुलिस वालों पर भारी पड सकता है? सच्चाई को दफनाया गया और जवानों को बचाया गया।
कोथरुड शेल्टर होम में बाहरी राज्यों के कुछ दिहाडी मजदूरों को रखा गया है। यहां भरपेट खाना नहीं मिलता। इसकी आवाज जब अमित वर्मा नामक युवक जिसकी पिटाई हुई उठाना चाहा तो आवाज लाठियां बरसाकर दबा दी गई। उसका कसूर केवल इतना था कि शेल्टर होम में पिछले 27 दिनों से भूखा था वो अपने गांव बिहार पटना जाना चाहता था। वर्मा न तो क्वारंटाइन था न कोरोना पॉजिटिव था। शेल्टर होम से बाहर निकलता है और पुलिस दबोच लेती है। कोथरुड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक प्रतिभा जोशी से हमारे संवाददाता ने जानकारी चाही तो प्रकरण को इस कद्र परोसा गया मानों वर्मा बडा अपराधी हो। जोशी मैडम ने कहा कि वो शेल्टर होम में कुछ कुडिंयों को तोडा। बाहर निकलकर तंबाकू बीडी की तलाश कर रहा था। अपने गांव पटना जाना चाहता था। पुलिस वालों पर थूंका और गालियां दी।
अब जोशी मैडम के कथन का ही पोस्टमार्टम करें तो शेल्टर होम में सुरक्षा कर्मी रहते है कुंडियों को तोडने की घटना की शिकायत दर्ज हई थी? शेल्टर होम में वही व्यक्ति जाता है जिसके पास खाने पीने के लिए फूटी कौडी नहीं होता फिर तंबाखू बीडी कैसे खरीदेगा? 5 पुलिस वालों के ऊपर भूखा प्यासा व्यक्ति भला क्यों थूंकेगा? माना जोशी मैडम का कथन भी सत्य है तो क्या लाठियां भांजना आखिरी विकल्प हो सकता है? उसे गिरफ्तार करके गुनाह दर्ज किया जा सकता था। हलांकि जोशी मैडम मौके वारदात पर नहीं थी उनको उनके ही पुुलिस कर्मी फिल्मी स्टाइल में एक मनगढत स्क्रीप्ट तैयार करके सुनाते है और गुमराह करते। जोशी मैडम ने हमारे संवांददाता से बातचीत के दौरान घटना पर अफसोस जाहिर की और माफी मांगी साथ ही घटना की जांच कराने का आश्वासन दी।
अब देखना है कि पुणे पुलिस कमिश्नर इस घटना का संज्ञान लेकर अपने लठमार पुलिस कर कोई कार्रवाई करने का साहस दिखाते है या लठमार पुलिसवालों की पीठ थपथाते है।
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