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पुणे, मुंबई में अखबार घर घर बांटने पर पाबंदी


मुंबई- राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुणे और मुंबई में अखबार घर घर बांटने को उचित नहीं मानते हुए पाबंदी लगा दी है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर देखा जा रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 20 अप्रैल से ग्रीन और ऑरेंज जोन में उद्योग धंधों को हरी झंडी दी है। अपने संबोधन में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना से जंग में कहीं हम आर्थिक हालात से ना जूझने लगें, इसलिए हम धीरे-धीरे शुरुआत कर रहे ह््ैं। एक नजर उद्धव ठाकरे के संबोधन की 10 बड़ी बातों पर:
1- जो युद्ध चल रहा है , उसका इंतजार कर रहा हूं कब खत्म होगा। अगर ये शत्रु दिखता तो उसका हम कब का खात्मा कर चुके होते, लेकिन ये दिखता नहीं है। शत्रु दिख नहीं रहा है, युद्ध कब तक खत्म होगा ये सवाल मेरे मन में भी है। हम लोग जिद से लड़ रहे ह््ैं। संयम से लड़ रहे ह््ैं। कल पूरे 6 हफ्ते पूरे होंगे इस युद्ध के।
2- 24 मार्च से जो सभी चीजें बंद हुई हैं, उसके चलते कई आर्थिक संकट आए हैं, जिन्हें अब चलाने की जरूरत है। 20 अप्रैल से हम कुछ जगहों पर उद्योग-धंधों को परमिशन दे रहे हैं, ताकि आर्थिक स्थिति खराब होने से बचे। कुछ इलाकों में जीरो है कोरोना का असर्। कुछ जगह बढ़ा नहीं है। ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में उद्योग को परमिशन दे रहे ह््ैं। जहां-जहां संभव है वहां-वहां कुछ चीजें शुरू की जा रही ह््ैं। उसका डिटेल्स दिया जा रहा है।
3- सभी उद्योग करने वालो सें कहा है कि अपने मजदूरों का ख्याल रखे्ं। माल का ट्रांसपोर्ट करना है वायरस का नहीं, इसका ख्याल रखे्ं। कोरोना से लड़ाई लड़ते-लड़ते कहीं हम आर्थिक हालात से ना जूझने लगें, इसलिए हम धीरे-धीरे शुरुआत कर रहे ह््ैं। कृषि को लेकर कोई बंधन नहीं है, जीवनाश्यक वस्तु पर कोई बंधन नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा जो नियम आया है उस पर अमल होगा। सिर्फ माल के परिवहन को इजाजत दी है। किसी और आदमी को एक जिले से दूसरे जिले में जाने की परमिशन नही दे रहे ह््ैं।
4- जिन जिलों में अभी तक कोरोना की दखल नहीं हुआ है, वहां ग्रीन जोन है। वहां सिर्फ जरूरत की चीजों को लेकर लाने और ले जाने की परमिशन दी है। लेकिन यहां किसी भी तरह से लोगों को एक गांव से दूसरे गांव जाने पर पाबंदी है।
5- अखबारों पर कोई पाबंदी नहीं है लेकिन मुंबई और पुणे में घर-घर जाकर पेपर डालना अभी उचित नहीं है। महाराष्ट्र के हित के लिए जो जरूरी है वो करूंगा। कृपा करके सभी सहयोग दे्ं। इस समय मुंबई और पुणे अभी भी रेड जोन में ह््ैं। ऐसे में न्यूजपेपर छपाई पर पाबंदी नहीं है। लेकिन घर-घर बांटने पर पाबंदी है।
6- कुछ छोटे-छोटे बच्चे अपने जन्मदिन और खेल के लिए अपने जमा पैसा दे रहे है इनका मैं धन्यवाद करता हू्ं। बच्चों तुम घबराओ मत हम हैं, निधि के लिए लोगों का पैसा आ रहा है। सीएसआर फंड के लिए पैसे जमा करने का अलग जरिया बनाया है, ऐसे कई योजना की है। मेरा पत्रकारों से निवेदन है, जैसा अभी तक आप लोगों ने साथ दिया, वैसे ही आगे भी साथ दे्ं। अभी भी मुख्य्मंत्री फंड में पैसे आ रहे है। सीएसआर मामले को लेकर मैं किसी भी तरह की राजनीति में नहीं पड़ना चाहता।
7- दूसरे प्रदेश के लोग चिंता न करे्ं। महाराष्ट्र में आपको किसी प्रकार की कोई कोई तकलीफ नहीं है, सब मिल रहा है और सुरक्षित ह््ैं। अगर किसी को अन्य प्रकार की मदत की जरूरत होगी तो कुछ सामाजिक संस्था भी मदद के लिए आगे आ रही ह््ैं। कुछ नंबर है जो मैं दे रहा हू्ं। नोट करें- मुंबई महानगरपालिका और बिरला सेवा-1800120820050्। आदिवासी विभाग और प्रॉजेक्ट मुंबई और प्रफुल्ल- 18001024040्।
8-ये आंकड़े मैं कल तक के दे रहा हू्ं। महाराष्ट्र में कुल 66696 टेस्ट किए गए, इसमें से 95 फीसदी नेगेटिव ह््ैं। 3600 पॉजिटिव, 350 लोगों को इसमें ठीक कर घर छोड़ा गया है। 52 मरीजों की हालत गंभीर है। सब लोग बोल रहे हैं, टेस्ट करो टेस्ट करो हम टेस्ट कर रहे ह््ैं।
9- अभी तीन तरह के मरीज हमारे पास हैं- गंभीर, मध्यम और अत्यंत गंभीर कोई भी लक्षण हो उसे छुपाएं नहीं, उसका तुरंत इलाज करे्ं। हमारी दुविधा ये है कि बहुत सारे मामले आखिरी चरण में हमारे पास आ रहे ह््ैं। मैंने कई बार कहा है कि कोरोना हो गया तो खत्म ऐसा न सोचे्ं। इलाज हो रहा है कोरोना हुआ है तो सब खत्म ऐसा नहीं है। लोग सही भी हो रहे हैं, सही समय पर अपना इलाज कराए्ं। इसलिए मेरा सभी से निवेदन है कि सर्दी, खांसी या कुछ भी लक्षण दिखे तो घर में इलाज ना करें, सीधा डॉक्टर से संपर्क करे्ं।
10- कोरोना मतलब जिंदगी खत्म ऐसा नहीं है। प्राइवेट डॉक्टर से बात की है और सभी ने आश्वासन दिया है कि वो अपने क्लीनिक और दवाखाने खोलेंगे। जो कोरोना के मरीज नहीं हैं उनके इलाज के लिए्। बहुत से गंभीर मरीज भी अच्छे होकर घर गए ह््ैं। कई लोगों को अलग-अलग बीमारी है इसलिए प्राइवेट डॉक्टरों को अपना दवाखाना चालू रखना है।

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