पुणे- पुणे से मध्यप्रदेश जा रहे करीबन 150 मजदूरों को कोंडवा पुलिस ने रोका और समझाकर वाप जाने को कहा। साथ ही खाने पीने की हर सहायता देने का आश्वासन भी दिया। ये लोग पुणे व आसपास परिसर में दिहाडी मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पाल रहे थे। लेकिन काम नहीं अनाज नहीं पैसे नहीं होने से बच्चे महिलाओं के साथ पैदल ही मध्यप्रदेश की ओर बुधवार तडके कूच कर रहे थे। रास्ते में पुलिस का सामना हो गया और वापस लौटना पडा।
महाराष्ट्र के पुणे से लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश स्थित अपने मूल स्थान पैदल ही जा रहे करीब 150 प्रवासी कामगारों को बुधवार तड़के पुलिस ने रोक लिया। एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी लोग पुणे के कात्रज इलाके में रहते हैं और शहर के आसपास मजदूरी करते ह््ैं। कोंडवा थाने से संबद्ध पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, पुलिस के गश्ती दल ने देखा कि बुधवार तड़के करीब 150 लोगों का एक समूह पैदल जा रहा है जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल ह््ैं। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने हमें बताया कि वे पुणे के आसपास मजदूरी करते हैं और पैदल ही मध्य प्रदेश में अपने मूल स्थान जा रहे ह््ैं। उन्होंने बताया कि ऐसा प्रतीत होता था कि इन लोगों को लगा कि उन्हें कोई सवारी मिल जाएगी जिससे वे पड़ोसी राज्य में अपने मूल स्थान पहुंच जाएंगे। अधिकारी ने बताया, हमने उन्हें पुणे से नहीं जाने के लिए समझाया और उन्हें आश्वस्त किया कि उनके रहने का इंतज़ाम कराया जाएगा। बहरहाल, उन्होंने कात्रज इलाके में अपने स्थानों पर जाने का फैसला किया जहां वे फिलहाल रुके हुए थे।
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