अयोध्या- लॉकडाउन का बुरा असर अयोध्या में जानवरों पर हो रहा है। हजारों की तादाद में हर दिन आने वाले श्रद्धालुओं का आना बंद होने से जानवर भूख प्यास से व्याकूल है। रामभक्त हनुमान के प्रतिक बंदरों ने आपा खो दिया और अयोध्या में रहने वाले निवासी, संत आदि पर आक्रमण करने लगे है। कई लोग इनसे शिकार होकर हॉस्पिटल में इलाज करा रहे तो दूसरी ओर संतों द्धारा गौमाता का पालन पोषण में दिक्कतें आ रही है। क्योंकि गोमाता को खाने पीने के लिए चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अफसोस इस बात की है कि गली मुहल्ले में गोमाता बचाव समिति के लोगों का गोमाता प्रेम कहां कहा चला गया और ये लोग कहां छुपकर बैठ गए। यही तो मौका है गोमाता के प्रति अपना प्रेम दिखाने का।
अयोध्या में लॉकडाउन के चलते जानवरों की स्थिति दयनीय हो गई है। जानवरों को खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से वे हिंसक होते जा रहे ह््ैं। अयोध्या में हजारों की संख्या में बंदर रहते हैं, जो वहां आनेवाले श्रद्धालुओं पर निर्भर रहते ह््ैं। लेकिन लॉकडाउन में पाबंदियों की वजह से श्रद्धालु अयोध्या से नदारद ह््ैं। हालांकि संत-महंत बंदर और कुत्तों आदि को चना और केला खिला रहे हैं, लेकिन वो अपर्याप्त है़्। जिला प्रशासन भी कई स्थानों पर जानवरों के भोजन की व्यवस्था कर रहा है़्। होटल व रेस्टोरेंट बंद ह््ैं। दुकानों पर भी आवश्यक चीजें ही उपलब्ध हैं, जिससे खाने की वस्तुएं फेंकी नहीं जा रहीं ह््ैं। भोजन न मिल पाने के कारण बंदर कुछ ज्यादा ही हिंसक हो रहे हैं और वे लोगों को काट रहे ह््ैं। इसका उदाहरण अयोध्या के श्रीराम अस्पताल में बंदरों के काटे जाने से मरीजों की बढ़ती संख्या से मिला है। श्रीराम अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार भी मानते हैं कि लॉकडाउन में बंदर सबसे ज्यादा हिंसक हो गए ह््ैं। प्रतिदिन 40 से 50 के करीब बंदर के काटने से नए मरीज इलाज व इंजेक्शन लगवाने अस्पताल आ रहे ह््ैं।