कन्नौज- शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में जुमे की नमाज अता करने के लिए जुटी भीड़ को हटाने गई पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी हुई्। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस दौरान बिना अपनी जान की परवाह किए कोरोना के खतरे से लड़ रहे पुलिसकर्मियों का गला दबाकर उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई थी।
कन्नौज सदर कोतवाली क्षेत्र के पुलिसकर्मियों समेत कई स्थानीय पत्रकारों से बात की और असल हालात जानने की कोशिश की। जानकारी के मुताबिक, कजियाना इलाके में पुलिस पर हमले का षडयंत्र पहले से ही रच लिया गया था। घरों में पहले ही सामूहिक नमाज पढ़ने की योजना के साथ ही छतों पर ईंट-पत्थर इकट्ठे कर लिए गए थे, ताकि अगर पुलिस आए तो उसपर हमला किया जा सके। पुलिस ने हमले के बाद जब ड्रोन से इलाके की जांच की तो यह चौंकाने वाली बात सामने आई्।
मचारों ओर से चलने लगे थे पत्थर
एलआइयू के हेड कॉन्स्टेबल राजवीर को एक घर के अंदर से लोगों की आवाज सुनाई दी तो उन्होंने बाहर बैठी महिलाओं से पूछताछ की। जब महिलाओं ने आनाकानी की तो उन्होंने स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की तो चारों ओर से पत्थर चलने लगे। हमले की जानकारी मिलने पर डीएम राकेश कुमार मिश्र, एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एडीएम गजेंद्र सिंह, सदर एसडीएम शैलेश कुमार, सीओ सिटी श्रीकांत प्रजापति, अडिशनल एसपी विनोद कुमार, कोतवाल नागेंद्र पाठक पुलिस बल के साथ पहुंचे तो हमलावर घरों में छिप गए्। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई और दीवारों के सहारे घरों में घुसकर हमलावरों को बाहर निकाला। बाद में सामने आया कि हमलावरों ने महिलाओं को बाहर इसलिए बैठाया था, ताकि वे पुलिस के आने की जानकारी दे सके्ं।