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तबलीगी जमात गलती की, मगर ककडी को तलवार से मत काटो- इकबाल खान

पिंपरी- दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के धार्मिक जलसे से देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकडों में इजाफा हुआ। 25 राज्यों से लोग इस जलसे में पहुंचे थे। अगर हम बात करें पिंपरी चिंचवड शहर की तो यहां से 33 लोग शामिल होने गए थे। इसमें से 23 लोगों को खोजकर वायसीएम में जांच प्रक्रिया चल रही है। पुणे से 106 लोगों के शामिल होने के आंकडे आ रहे है। इस मुद्दों को लेकर देश में उबाल है। कोई इस संगठन को प्रतिबंधित करके आतंकवादी घोषित करने की मांग कर रहा है तो कोई इसे राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए हिन्दू-मुस्लिम रंग देकर माहौल बिगाडना चाहते है। आखिर यह संगठन है क्या? इनका कार्य क्या है? किस मकसद से दिल्ली में देश विदेश से हजारों लोग जुटे?
इस बारे में हमारे संवाददाता ने आकुर्डी स्थित बीना इंग्लिश स्कुल के चेयरमैन और राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इकबाल भाई खान से प्रतिक्रिया ली। श्री खान ने कहा कि कोरोना महामारी संकट की घडी में ऐसे धार्मिक जलसे से मुस्लिम समाज के लोगों को बचना चाहिए। मस्जिद में न जाकर घर में नमाज अदा करनी चाहिए। दिल्ली में तबलीगी जमात के जलसे का कोरोना के साए में बैठक का आयोजन करना गलत हुआ । आयोजकों ने गलती तो की है। कोरोना को गंभीरता से नहीं लिया और लापरवाही कर बैठे। लेकिन उनका मकसद केवल इस्लाम के बारे में लोगों को समझाना और प्रचार प्रसार करना था। उनकी वजह से देश में कोरोना संक्रमण फैले ऐसा मकसद बिल्कुल नहीं था। अब गलती तो हुई लेकिन गलती की सजा संगठन को प्रतिबंधित करके आतंकवादी घोषित करना यह उचित नहीं होगा। क्योंकि गलती छोटी है उसके लिए ककडी को काटने के लिए तलवार की जरुरत नहीं होना चाहिए।
इकबाल खान ने यह भी कहा कि इस वक्त देशभर में इस मुद्दे को लेकर हिन्दू-मुस्लिम का रंग दिया जा रहा है। धार्मिक उन्माद को भडकाने का काम टीवी चैनलों के बहस के माध्यम से हो रहा है। इससे वोट का तो फायदा हो जाएगा लेकिन देश के लिए हानिकारक होगा। तबलीगी जमात कोई आतंकवादी संगठन नहीं है। यह एक इस्लाम धर्मप्रचारक संगठन है जो सियासत से कोसों दूर रहते है। कोरोना महामारी के इस संकट की घडी में मुस्लिम समाज के लोगों से अपील करता हूं कि मस्जिदों में नमाज पढने से परहेज करें, अपने घरों में नमाज अदा करें। नमाज तो कहीं भी पढी जा सकती है। सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है हम सबको उसका पालन करना चाहिए। कोरोना की इस लडाई में हमें सरकार की हरसंभव मदद करनी चाहिए। आपस में दूरियां बनाकर रखें। साथ ही हिन्दू-मुस्लिम धार्मिक रंग देकर समाज और देश में उन्माद फैलाने वालों से बच कर रहें।

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