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गांव में नो एंट्री, प्रवेश द्धार बंद, पहरेदारी शुरु

अमेठी- देशभर के शहरी क्षेत्रों से लोग गांव की ओर पलायन कर रहे है। लेकिन अब गांवालों ने अपनी सुरक्षा के लिए अपनों का ही गांव में प्रवेश वर्जित कर दिए है। ये वो लोग है जो घर गांव,माता पिता, पत्नी, बच्चे से दूर महानगरों में रोजी रोटी की तलाश में आए थे ताकि उनका परिवार भूखा न रहे। बूढे माता पिता को दवाईयों के लिए पैसे भेजना, बच्चों को पढने के लिए पैसे हर महिने समय पर भेजने का काम करते थे। भले वो महानगरों में उपवास के दिन निकाले हो लेकिन गांव में अपनों को भूखा नहीं रखा। आज प्राकृतिक की विडंबना तो देखें। वही अपने कोरोना महामारी और लॉकडाउन से भूख से बिलबिला रहे और अपने गांव जा रहे तो गांव वाले परिवार वाले उनका प्रवेश से वर्जित कर दिया है। अब ये लोग न गांव के रहे न शहर के रहे। अपनों ने अपनों से मुंह मोड लिया। क्योंकि वो शहर से आए है कहीं कोरोना तो साथ नहीं लाए और सबको प्रसाद के रुप में बांट दें। गांव के हर प्रवेश द्धार को बंद कर दिया गया। बोर्ड लगाया गया है कि बाहरी लोगों का गांव में आना वर्जित है। गांव के जवान पहरेदारी कर रहे है।
    पूरे देश में लॉकडाउन के चलते लाखों मजदूर और कर्मचारी अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं जिसने शासन-प्रशासन के साथ खुद उनके अपनों की चिंता बढ़ा दी है। इसी डर के चलते अमेठी जिले के सिंहपुर ब्लॉक के पिंडरा गांव को ग्रामीणों ने लॉक कर दिया है। गांव के एक मात्र रास्ते पर बैरिकेडिंग कर पोस्टर चिपका दिया गया है। इसमें लिखा है कि कोरोना के कारण गांव में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है। कृपया आप भी स्वस्थ रहें और हमें भी स्वस्थ रहने दे्ं।
पिंडारा में बहेलिया समाज के लोग रहते ह््ैं। यहां सभी ग्रामीणों ने गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। ग्रामीण शिव वरदान ने बताया कि इसमें सभी लोगों की सहमति है। शिव ने बताया कि हमारे गांव में 200 लोगों की आबादी है, सभी को बुलाकर मीटिंग की गई है। हम लोगों ने फैसला लिया कि हम जिंदा रहेंगे तभी आगे कुछ कर पाएंगे। जिसके बाद ग्रामीणों की सहमति से गांव के रास्ते पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। इसके अलावा गांव के लोग घर-घर जाकर कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे ह््ैं।
रायबरेली के ओया गांव के रास्ते भी बंद
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए ओया गांव को भी पूरी तरह लॉक कर दिया गया है। गांव को जोड़ने वाले मार्ग पर बांस-बल्ली लगाकर बैरिकेडिंग कर दी गई है और बाहरी लोगों से अंदर न आने को कहा गया है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि जब तक कोरोना जैसी महामारी खत्म नहीं हो जाती, किसी को भी गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।
बाहर से आ रहे मजदूरों की निगरानी करेगी सरकार
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में 21 दिन का लॉकडाउन जारी है, लेकिन इस मेडिकल इमर्जेंसी के बावजूद दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों से अपने-अपने गांव लौटने के लिए मजदूरों का पलायन जारी है। ऐसे में केंद्र ने भी नए सिरे से अपनी कमर कस ली है। सरकार इन बड़े शहरों से घर लौट रहे लोगों की सेहत पर कड़ी निगरानी रखने के लिए गांव-गांव और जिला स्तर पर अपनी नजर रखेगी। इस पलायन से हाई रिस्क पर पहुंचने वाले इलाकों की सरकार ने जिला और गांवों के स्तर पर पहचान कर ली है।

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