पटना-मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने कहा, बिहार सरकार चाहती है कि जो जहां है वहीं उनके रहने
खाने की व्यवस्था की जाए. बसों से लोगो को बुलाने से लॉकडाउन का कोई मतलब
नहीं रह जाएगा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मजदूरों के लिए की गई
बसों की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली से या
कहीं और से लोगों को बुलाने से समस्या और बढ़ेगी. बिहार सरकार चाहती है कि
जो जहां है वहीं उनके रहने खाने की व्यवस्था की जाए. बसों से लोगों को
बुलाने से लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. नीतीश कुमार लॉकडाउन में
फंसे लोगों को बुलाने के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री
का लॉकडाउन फेल हो जाएगा.
दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
ने दिल्ली, यूपी बॉर्डर पर जमा लोगों को घर पहुंचाने के लिए बसों की
व्यवस्था का ऐलान किया है. जाहिर है, यूपी की व्यवस्था से हज़ारों बिहार के
लोग भी अपने गांव पहुंचने की कोशिश करेंगे. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा
काफी बढ़ सकता है.
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बता
दें कि देश भर में लागू दिल्ली और यूपी बॉर्डर पर हज़ारो लोग अपने घर जाने
के लिए जमा हैं. वो किसी भी हालत में अपने घर जाना चाहते हैं. इसमें
ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर हैं, जिनका काम धंधा बंद हो चुका है. बहुत सारे लोग
पैदल ही अपने गांव की ओर पैदल ही चल चुके हैं. नीतीश कुमार का कहना है कि
ऐसे में कोरोना का संक्रमण फैला तो उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा.
नीतीश कुमार बोले- बिहार से प्रेम है तो जहां हैं वहीं रहें
बिहार
के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के बाहर फंसे लोगों से अपील करते हुए
कहा कि अगर बिहार को बचाना है, बिहार से प्रेम है और अपने लोगों को
सुरक्षित देखना चाहते हैं तो जो जहां हैं वहीं रहें. सरकार उनके रहने खाने
की व्यवस्था कर रही है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि किसी को कोई परेशानी
नहीं होगी. लॉकडाउन में फंसे लोगों को हेल्पलाइन पर फोन के जरिए अपनी
लोकेशन बतानी होगी जिससे मदद की जाएगी. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर पर फोन
ना लगे तो मुख्यमंत्री ऑफिस में फोन लगाएं. हर संभव सहायता की जाएगी.