- राज्य सरकारों को जनता कर्फ्यू का पालन करने को कहा
- जनता को 22 मार्च के दिन घर में रहने को कहा
- 22 मार्च की सुबह 7 से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू रहेगा
- 22 मार्च शाम 5 बजे जनता अपने घरों में तालियां,थालियां बजाकर कोरोना बचाव में लगे लोगों का करें धन्यवाद
- अनावश्यक हॉस्पिटलों पर दबाव न बढाएं, जरुरी न हो तो ऑपरेशन, रुटीन चेकअप की तारिख 1 महिना आगे बढा लें
नई दिल्ली- कोरोना वायरस के कारण देश कठिन दौर से गुजर रहा है। इस वैश्विक महामारी से खतरे के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी देशवासियों को संबोधित कर रहे ह््ैं। उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों करते हुए 22 मार्च रविवार के दिन सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक देश में जनता कर्फ्यू की घोषणा की। इस दिन कोई भी व्यक्ति अगर बहुत जरुरी न हो तो घर से न निकलें। खुद को घरों में कैद कर लें। राज्य सरकारें जनता कर्फ्यू का पूरी तरह से पालन कराने में जी जान से जुट जाएं। जनता से प्रधानमंत्री ने अपील की है कि मेडिकल हॉसिपटलों में अनावश्यक दबाव न बढाएं। अगर जरुरी न हो तो अपना ऑपरेशन की तारिख और रुटीन चेकअप 1 महिना के लिए आगे बढाने का काम करें। साथ ही कोरोेना वायरस से बचाने के लिए हमारे स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए 22 मार्च के दिन शाम 5 बजे घरों के बाहर बालकनी, दरवाजे में खडे होकर कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए तालियां बजाएं, थालियां बजाएं।
जितना संभव हो वे घरों से निकलने से बे्ं। उन्होंने रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील की है, यानी जनता खुद ही खुद को ऐसे आइसोलेट करने की कोशिश करे, जैसे कर्फ्यू में होता है।
पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है। आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ राज्यों या देशों तक सीमित रहता है। लेकिन इस बार यह संकट ऐसा है, जिसने विश्वभर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ था, जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे, जितने आज कोरोना की बीमारी से ह््ैं।
पिछले 2 महीने से हम निरंतर दुनियाभर से आ रहे कोरोना वायरस से जुड़ीं चिंताजनक खबरें देख रहे हैं, सुन रहे ह््ैं। इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया। सभी ने सावधानियां बरतने का भरसक प्रयास भी किया है। लेकिन बीते कुछ दिनों से ऐसा लग रहा है, माहौल बन रहा है कि हम संकट से बचे रहेंगे। निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतत रहना बहुत आवश्यक है।
आपसे मैंने जब भी और जो भी मांगा है, देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की कीमत है कि हम सभी मिलकर अपने निर्धारित लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ रहे ह््ैं। आज हम 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आए ह््ैं। मुझे आपसे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आने वाला कुछ समय चाहिए्।