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कांग्रेस को ठेंगा, प्रेमचंद गुप्ता,अमरेंद्र धारी सिंह राजद उम्मीदवार

पटना-देश में 60 साल राज करने वाली कांग्रेस पार्टी के बुरे दिनों का अंत होने का नाम नहीं ले रहा। क्षेत्रिय पार्टियां कभी पिछलगु हुआ करती थी अब वो भी कांग्रेस को आंख दिखा रही है। राज्यों में क्षेत्रिय पार्टियों का बोलबाला है। बिहार की लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने कांग्रेस की मांग ठुकराते हुए राज्यसभा के लिए अपने दो उम्मीदवार प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह को मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस राजद से एक सीट मांग रही थी। अब संख्या बल के हिसाब से भाजपा 1, राजद 2, जदयू 2 राज्यसभा की सीटें आसानी से जीत सकती है। भाजपा को बिहार से नुकसान हो रहा है। एनडीए को 2 सीटों का नुकसान हो रहा है। भाजपा-जदयू की 1-1 सीटें कम होने जा रही है।          भाजपा कोटे से डॉ. सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर राज्यसभा जाएंगे। दिल्ली ने उनकी उम्मीदवारी तय कर दी है। जदयू ने बिहार से राज्यसभा की अपने हिस्से की दो सीटों पर मौजूदा सदस्य हरिवंश नारायण सिंह और रामनाथ ठाकुर को उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है। एनडीए को दो सीटों का नुकसान, जदयू-भाजपा की 1-1 सीट कमबिहार से राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं। तीन जदयू की और दो भाजपा सदस्य 9 अप्रैल को रिटायर्ड होंगे। हालांकि, इनमें एनडीए को तीन सीटें ही वापस मिलेंगी। इसमें दो सीट जदयू को और एक भाजपा को मिलेगी। फायदा राजद को होगा। उसे दो अतिरिक्त सीटें मिलने जा रही हैं। राज्यसभा के उपसभापति व जदयू के हरिवंश नारायण सिंह, रामनाथ ठाकुर, कहकशां परवीन जबकि भाजपा के आरके सिन्हा और डॉ. सीपी ठाकुर का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।कहकशां जा सकती हैं विधान परिषदजदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हमने सबसे उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन किया है। उन्होंने कहकशां परवीन का टिकट कटने के सवाल पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। पार्टी सूत्रों के अनुसार कहकशां को मई में विधान परिषद में एडजस्ट किया जा सकता है। उधर, भाजपा के आरके सिन्हा भी टिकट के प्रबल दावेदार थे। पार्टी ने इनके अलावा कई और नामों पर विचार किया। प्रदेश कोर कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल को नाम केन्द्रीय नेतृत्व को भेजने के लिए अधिकृत किया था। केन्द्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेतृत्व के भेजे नामों में से विवेक ठाकुर के नाम पर अपनी सहमति दी।विवेक ठाकुर की जीत लगभग तयराज्यसभा के लिए यदि चुनाव हुए तो भी विवेक ठाकुर की जीत पक्की है। जीत के लिए 41 विधायकों की जरूरत है और विधानसभा में भाजपा के 54 विधायक हैं। भाजपा के पास 13 सरप्लस वोट होंगे। ये वोट चुनाव होने पर जदयू उम्मीदवारों को मिलेंगे।भाजपा ने रखा सामाजिक समीकरण का ध्यानपार्टी ने सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर भूमिहार जाति को राज्यसभा का टिकट सौंपा है। पिछले लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण और भूमिहारों में कम टिकट मिलने को लेकर नाराजगी थी। पार्टी आलाकमान ने इसे अगली बार दूर करने का आश्वासन दिया था। इसी आश्वासन के तहत लोकसभा चुनाव में बेटिकट किए गए सतीश चंद्र दूबे को पिछली बार राज्यसभा भेजा गया था। इसके बाद अगला टिकट भूमिहार को मिलना तय माना जा रहा था। पार्टी ने इसी तहत विवेक ठाकुर को टिकट दिया है। विवेक ठाकुर पिछली बार ब्रह्मपुर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।बिहार से हैं 16 सीटेंबिहार से राज्यसभा में 16 सीटें हैं। इनमें जदयू के 6, भाजपा के 4, राजद के 3, जबकि लोजपा और कांग्रेस के 1-1 सदस्य हैं। एक सीट खाली है। राज्यसभा की एक सीट के लिए 41 विधायकों के समर्थन की दरकार है और इस लिहाज से रिक्त होने वाली पांच सीटों में दो-दो जदयू व राजद को, जबकि एक सीट पर भाजपा की जीत तय है।

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