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दत्ता साने 2 मार्च से पुलिस मुख्यालय के सामने बेमुद्त भूख हडताल पर

 कार्यालय हमला प्रकरण में सीबीआई से जांच और मूख्य सूत्रधारों की गिरफ्तारी की मांग

विधायक ने जान से मारने की दी थी सुपारी-पूर्व विपक्ष नेता का आरोप

पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा में राष्ट्रवादी कांग्रेस के पूर्व विरोधी पक्षनेता दत्ता साने ने 9 महिने पहले अपने कार्यालय में हुए जानलेवा हमले में आज बडा सनसनीखेज खुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि उनके राजनीतिक प्रतिद्धंदी भाजपा विधायक महेश लांडगे और उद्योगपति पांडूरंग साने का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष हाथ था। अब दत्ता काका साने के इस आरोप में कितना दम है यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इस मामले को लेकर वो सीबीआई जांच की मांग की है और अपने परिवार के साथ 2 मार्च से पुलिस मुख्यालय के सामने सुबह 10 बजे से बेमुद्त भूखहडताल पर बैठने की घोषणा आज पत्रकार परिषद में की।

 दत्ता साने ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच संदेहास्पद है क्योंकि पहले चिखली पुलिस फिर यूनिट-1 को सौंपी गई। हमले के 8 दिन बाद तात्कालीन पुलिस आयुक्त पद्नाभन को मूख्यसूत्रों के नाम दिए थे मगर पुलिस ने आर्थिक व्यवहार और राजनीतिक दबाव के चलते मामले की लीपापोती की। ऐसा भी आरोप दत्ता साने ने लगाया। इस प्रकरण में कुल गिरफ्तार 7 आरोपियों में से 6 की रिहाई हो चुकी है। अब इनके फोन संपर्क और दोस्तों के साथ आपसी संवाद से जो बातें छनकर आ रही है वो यह कि उन्हें जान से मारने की सुपारी दी गई थी। क्योंकि पुलिस ने जो जांच प्रक्रिया के दौरान चार्जशीट तैयार की है उसमें यह दिखाया गया है कि किशोर नामक युवक के साथ मेरे कार्यालय में काम करने वाली एक लडकी के साथ दो साल पहले किसी बात को लेकर तू तू मैं मैं हुई थी उसी का बदला लेने के लिए कार्यालय पर हमला हुआ। जबकि हकीकत यह है कि किशोर उनका कार्यकर्ता है मगर उनका स्टाफ नहीं। वो खूलेआम चौक चौराहों पर घूमता फिरता है। अगर उसे मारना था तो बाहर कहीं भी मारा जा सकता था। उसके लिए मेरे कार्यालय में जानलेवा हमला करने की क्या जरुरत थी। कोयते से टेबल और दत्ता साने की फे्रम की फोटो पर हमला करना यह दर्शाता है कि किसी ने उनको हत्या करने की सुपारी दी थी। कार्यालय से पालिका की ओर निकलने के महज 10 मिनट के अंदर यह हमला हुआ।    दत्ता साने अपनी हत्या कराने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि जब वो विरोधी नेता थे उस समय विधायक महेश लांडगे के काले गोरे चिट्ठे जनता के सामने लाया और विधानसभा चुनाव में उनके सामने मुख्य प्रतिद्धंदी उम्मीदवार होने जा रहे थे राजनीतिक रंजिश के चलते यह हमला करवाया गया होगा। आपको बताते चलें कि यह हमला 7 जून 2019 की शाम 4.30 बजे हुआ। जिसमें 7 लोग गिरफ्तार हुए थे। लेकिन संगठित हमला होने के कारण मकोका लगाने का आश्वासबन पुलिस विभाग की ओर से दिया गया था लेकिए ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।    इस बारे में विधायक महेश लांडगे और पांडूरंग साने से जब हमारे संवाददाता ने फोन पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो संपर्क नहीं हो सकता।

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पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा में राष्ट्रवादी कांग्रेस के पूर्व विरोधी पक्षनेता दत्ता साने ने 9 महिने पहले अपने कार्यालय में हुए जानलेवा हमले में आज बडा सनसनीखेज खुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि उनके राजनीतिक प्रतिद्धंदी भाजपा विधायक महेश लांडगे और उद्योगपति पांडूरंग साने का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष हाथ था। अब दत्ता काका साने के इस आरोप में कितना दम है यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इस मामले को लेकर वो सीबीआई जांच की मांग की है और अपने परिवार के साथ 2 मार्च से पुलिस मुख्यालय के सामने सुबह 10 बजे से बेमुद्त भूखहडताल पर बैठने की घोषणा आज पत्रकार परिषद में की।       दत्ता साने ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच संदेहास्पद है क्योंकि पहले चिखली पुलिस फिर यूनिट-1 को सौंपी गई। हमले के 8 दिन बाद तात्कालीन पुलिस आयुक्त पद्नाभन को मूख्यसूत्रों के नाम दिए थे मगर पुलिस ने आर्थिक व्यवहार और राजनीतिक दबाव के चलते मामले की लीपापोती की। ऐसा भी आरोप दत्ता साने ने लगाया। इस प्रकरण में कुल गिरफ्तार 7 आरोपियों में से 6 की रिहाई हो चुकी है। अब इनके फोन संपर्क और दोस्तों के साथ आपसी संवाद से जो बातें छनकर आ रही है वो यह कि उन्हें जान से मारने की सुपारी दी गई थी। क्योंकि पुलिस ने जो जांच प्रक्रिया के दौरान चार्जशीट तैयार की है उसमें यह दिखाया गया है कि किशोर नामक युवक के साथ मेरे कार्यालय में काम करने वाली एक लडकी के साथ दो साल पहले किसी बात को लेकर तू तू मैं मैं हुई थी उसी का बदला लेने के लिए कार्यालय पर हमला हुआ। जबकि हकीकत यह है कि किशोर उनका कार्यकर्ता है मगर उनका स्टाफ नहीं। वो खूलेआम चौक चौराहों पर घूमता फिरता है। अगर उसे मारना था तो बाहर कहीं भी मारा जा सकता था। उसके लिए मेरे कार्यालय में जानलेवा हमला करने की क्या जरुरत थी। कोयते से टेबल और दत्ता साने की फे्रम की फोटो पर हमला करना यह दर्शाता है कि किसी ने उनको हत्या करने की सुपारी दी थी। कार्यालय से पालिका की ओर निकलने के महज 10 मिनट के अंदर यह हमला हुआ।    दत्ता साने अपनी हत्या कराने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि जब वो विरोधी नेता थे उस समय विधायक महेश लांडगे के काले गोरे चिट्ठे जनता के सामने लाया और विधानसभा चुनाव में उनके सामने मुख्य प्रतिद्धंदी उम्मीदवार होने जा रहे थे राजनीतिक रंजिश के चलते यह हमला करवाया गया होगा। आपको बताते चलें कि यह हमला 7 जून 2019 की शाम 4.30 बजे हुआ। जिसमें 7 लोग गिरफ्तार हुए थे। लेकिन संगठित हमला होने के कारण मकोका लगाने का आश्वासबन पुलिस विभाग की ओर से दिया गया था लेकिए ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।    इस बारे में विधायक महेश लांडगे और पांडूरंग साने से जब हमारे संवाददाता ने फोन पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो संपर्क नहीं हो सकता।

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