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सफाई कामगारों के आंदोलन में फंसे पालिका अधिकारी और महापौर

पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा में आज सफाई कामगारों का जबर्दस्त आंदोलन देखने को मिला। आंदोलन के कारण पालिका का इन-आऊट दोनों गेट को बंद रखा गया। पालिका अधिकारी,कर्मचारी बुरी तरह फंस गए तो महापौर उषा माई ढोरे को रिक्शा में बैठकर घर जाना पडा। क्या है पूरा मामला आओ समझाते है।      भाजपा की पालिका में सत्ता है। पदाधिकारी अपने चहेते ठेकेदारों को ठेका देने की जुगाड में लगे है। शहर के रास्तों की सफाई यांत्रिकी प्रणाली से करने के लिए 647 करोड रुपये का टेंडर निकाला गया जिसमें रिंग हुई। इसका भी खुलासा हुआ। राकांपा के स्थानीय नेताओं ने तो भाजपा के विधायक पर रिंग कराने का आरोप लगाया है। यह टेंडर रद्द करने की मांग को लेकर आज सफाई कामगारों का आंदोलन हुआ। आंदोलन का नेतृत्व राष्ट्रवादी के तोप पूर्व विरोधी नेता दत्ता साने, शिवसेना की जिल्हा संघटिका सुलभा उबाले, संदीप झोंबाडे, प्रल्हाद कांबले ने किया।     आंदोलनकारियों का कहना था कि इस टेंडर से करीबन 1100 कामगार बेरोजगार हो जाएंगें। कुल 8 क्षेत्रिय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले रास्तों और पुणे-मुंबई महामार्ग पर यांत्रिकी प्रणाली से साफ सफाई की जाएगी। कुल 1670 किमी लंबे रास्तों की साफ सफाई के लिए 6 विभिन्न पैकेज में बंटवारा करते हुए कुल 7 साल के लिए 647 करोड रुपये का टेंडर निकाला गया  है। अपने मनपसंद व चहेते ठेकेदार को काम दिलाने के लिए सत्ताधारी भाजपा के पदाधिकारी शर्त व नियमों को बदलने व शिथिल करने का काम किया है। इसमें बडे पैमाने पर भ्रष्ट्राचार होने के संकेत है। टेंडर रद्द करने की मांग को लेकर आज आंदोलन हुआ।

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