नई दिल्ली-. दिल्ली विधानसभा चुनाव के मंगलवार को हुई मतगणना में एक बार फिर न सिर्फ कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया, बल्कि इसके 67 उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई है. मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की 70 सीटों में से 67 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों की ज़मानत ज़ब्त हुई है. पार्टी के सिर्फ 3 उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचा पाए हैं, जिनमें बादली से देवेन्द्र यादव, कस्तूरबा नगर से कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक दत्त और गांधी नगर से अरविन्दर सिंह लवली शामिल है.बता दें, 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन किया था. चुनाव नतीजों में कांग्रेस शून्य पर सिमट गई थी. उस वक्त आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी के खाते में मात्र तीन सीटें ही मिली थीं.इस बीच पार्टी के भीतर की अंदरूनी कलह भी सामने आने लगी है. पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक ट्वीट जारी करते हुए दिल्ली में पार्टी की हार पर जमकर सवाल खड़े किए हैं. शर्मिष्ठा ने इसके लिए पार्टी आला कमान को भी जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ राज्य स्तर पर एकता की कमी को भी उन्होंने हार की वजह बताया है.’आत्मनिरीक्षण बहुत हो चुका अब एक्शन का वक्त है’वरिष्ठ कांग्रेस लीडर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा, हमने दिल्ली में एक बार फिर नाश कर दिया है. आत्मनिरीक्षण बहुत हो चुका अब एक्शन का वक्त है. टॉप लेवल पर निर्णय लेने में हुई देरी और रणनीति की कमी और राज्य स्तर पर एकता की कमी, निरुत्साही कार्यकर्ताओं के साथ ही जमीनी आधार पर कनेक्टिविटी न होना सभी फैक्टर रहे जो हार का कारण बने. सिस्टम का हिस्सा होने पर मैं भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेती हूं.’शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भाजपा विभाजनकारी राजनीति करती है, केजरीवाल स्मार्ट राजनीति खेल रहे हैं और हम क्या कर रहे हैं? क्या हम ईमानदारी से कह सकते हैं कि हमने अपना काम सही से किया? हम कांग्रेस पर कब्जा करने में व्यस्त हैं, जबकि अन्य दल भारत पर कब्जा कर रहे हैं. अगर हमें और सरवाइव करना है तो हमें अपनी सुरक्षित जगहों से निकलकर काम करना होगा
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