मुंबई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के दो बच्चों से जुडे़ कानून पर दिए बयान के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने आरएसएस पर निशाना साधा है। मलिक ने कहा कि अगर भागवत जबरन नसबंदी करवाना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस तरह का एक कानून बनाना चाहिए। मलिक ने कहा कि पहले भी इस तरह के प्रयास हुए थे और हम जानते हैं कि इसका परिणाम क्या हुआ।
‘मोहन भागवत चाहते हैं कि दो बच्चों का एक कानून बनें। वह शायद नहीं जानते हैं कि महाराष्ट्र में पहले से ही इस संबंध में कई ऐसे कानून हैं और अन्य राज्यों में भी ऐसा है। इसके बाद भी अगर भागवत चाहते हैं कि जबरन नसबंदी हो तो पीएम मोदी को इस तरह का एक कानून बनाना चाहिए। हमने पहले भी देखा है कि इस तरह के कदम के साथ क्या हुआ था।’
मुरादाबाद में संघ की बैठक में भागवत ने कही यह बात
शुक्रवार को मुरादाबाद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इशारा किया था कि दो बच्चों से जुड़ा कानून संघ का अगला अजेंडा हो सकता है। अपने चार दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद पहुंचे भागवत ने जिज्ञासा समाधान सत्र के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं से बात की। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को फैसला लेना है। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि काशी और मथुरा का मुद्दा आरएसएस के अजेंडे में नहीं है।
1976 में हुई थी अनिवार्य नसबंदी
जनसंख्या नियंत्रण के लिए सितंबर 1976 में अनिवार्य नसबंदी कार्यक्रम शुरू
किया गया था। इस दौरान जबरन नसबंदी कराई गई। यहां तक कि जिनकी शादी तक नहीं
हुई थी, उनकी भी नसबंदी के कई मामले सामने आए। माना जाता है कि इस फैसले
के पीछे संजय गांधी थे।