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पिंपरी पालिका कर्मचारी महासंघ चुनाव में परिवर्तन की आँधी


चुनाव चिन्ह कपबशी वालों ने किया आरोपों की बरसात
चौथी फेल पालिका शिपाई के पास 100 एकड जमीन कहां से आयी? जांच का विषय
तीन संतान वालों को चुनाव लडने का कानूनी अधिकार नहीं
कामगार भवन निर्माण टेंडर में हेराफेरी, 4 करोड का टेंडर 10 करोड तक कैसे पहुंचा ?

धन्वंतरी योजना के तहत मेडीसीन स्टोर खोलने में धर्मादाय आयुक्त के नियमों का पालन नहीं
पिंपरी- पिंपरी चिंचवड कर्मचारी महासंघ चुनाव में परिवर्तन की आँधी दिखाई दे रही है. लिफ्टमैन, शिपाई से लेकर उच्च पदों पर बैठ सभी कर्मचारी महासंघ के मतदाता इस चुनाव में परिवर्तन के मूड में दिखाई दे रहे है. आज पत्रकार परिषद में चुनाव चिन्ह कपबशी आपला महासंघाचे पैनल प्रमुख अंबर चिंचवडे ने सत्ताधारियों के कई भ्रष्टाचार, अनियमता, गडबडियों की पोल खोलते हुए आरोपों की बरसात की. दावा किया है कि उनके पास आरोपों का पुख्ता साबूत है. न्यायालय में चुनौती देंगे. ऐसी चेतावनी चिंचवडे ने दी. इस अवसर पर पैनल के उम्मीदवार अभिमान भोसले, सुप्रिया सुरगुडे, योगेश रसाल, बालासाहेब कापसे, अविनाश ढमाले, धनाजी नखाते, गोरख भालेकर, सुभांगी चव्हाण, विलास नखाते, अमित जाधव, सुरेश गारगोटे, बालू साठे, अनिल राऊत, धनेश्‍वर थोरवे, अविनाश तिकोणे, रणजित भोसले, सुभाष लांडे, मिलिंद काटे, नवनाथ शिंदे, योगेश वंजारे उपस्थित थे. चुनाव शनिवार 11 जनवरी को होने वाला है.
अंबर चिंचवडे ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि एक चौथी पास शिपाई 100 एकड जमीन का मालिक कैसे बन गया. 2005 के बाद जन्मी तीसरा संतान को चुनाव लडने का अधिकार कैसे मिला?. इस बारे में पालिका आयुक्त को पत्र देकर जांच करने और चुनाव लडने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. थेरगांब में निर्णाणधीन कामगार भवन टेंडर प्रक्रिया में भी अनियमिता बरती गई. बाजार भाव 1200 स्न्वेयर फुट दर का टेंडर 2500 दर से देकर किसको फायदा पहुंचाने का काम हुआ. जो काम 4 करोड 80 लाख रुपये में होना था अब वो 10 करोड 31 लाख में होने जा रहा है. भवन निर्माण के लिए थेरगांव सर्वे 9 में 60 गुंठा जमीन पालिका ने दी लेकिन इमारत बांधने का पैसा कामगारों के वेतन से चंदा के रुप में जो इकट्ठा हुआ उसका दुरुपयोग हो रहा है.
कामगारों व उनके परिवारजनों से संबंधित आरोग्य वीमा धन्वंतरी को बंद करके अलग वीमा पॉलिसी लाने की स्थायी समिति ने मंजूरी दी है. यह वीमा योजना में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की बू आ रही है. जिसकी मध्यक्षता में डील पक्की हो रही है वो 28 करोड में से 14 करोड खुद डकारने की जुगाड में लगा है. धन्वंतरी वीमा पॉलिसी कामगारों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है.मेडिकल स्टोर खोलने में धर्मादाय आयुक्त के नियमों का पालन नही हुआ. कोई विश्‍वस्त नहीं, खुद के नाम दूकान का लाइसेंस निकाला गया. हमारा पैनल जीतने के बाद मंजूर वीमा पॉलिसी को रद्द करेगा अजितदादा पवार ने भी आयुक्त को यह योजना रद्द करने का आदेश दिया है. कामगारों को 7 वॉ वेतन दिलाने में सबसे बडी भूमिका राष्ट्रवादी कांग्रेस और इसके नेता अजित पवार को जाता है. अब झूठा श्रेय लेने की होड मची है.

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