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पत्रकार हमले में 5 गांवगुंडों को येरवडा जेल, कुछ आरोपी आज भी फरार, पुलिस पर राजकीय दबाव


पिंपरी- कालेवाडी में पत्रकार के घर में घुसकर धारदार हथियारों से हमले के मामले में आज मोरवाडी कोर्ट ने गिरफ्तार 5 गांवगुंडों को येरवडा जेल भेजने का आदेश दिया. इस मामले में आज भी कुछ प्रमुख आरोपी पुलिस के गिरफ्त से दूर है. कुछ आरोपियों के नाम हटाने के लिए स्थानीय राजनेताओं का दबाव है जिसमें से एक राष्ट्रवादी कांग्रेस का नगरसेवक है तो दूसरा भाजपा का नगरसेवक है. पत्रकार के सामने वा फोन पर सहानुभूति प्रकट करते है और पर्दे के पीछे गांवगुंडों को संरक्षण दे रहे है. इस घिनौनी व निंदनीय हरकत को देखकर शहर में बसे 3 लाख उत्तर भारतीयों में जबर्दस्त गुस्सा है. क्योंकि पत्रकार संतलाल यादव उत्तर भारतीय समाज से हैं.
आरोपियों के नाम – गिरफ्तार आरोपियों में किरण नढे, नवनाथ नढे, संतोष काळे,खंडू कांबळे, सन्नी यादव (सभी काळेवाडी) शामिल है. सभी को येरवडा जेल आज भेजा गया. बाकी आरोपियों की धरपकड जारी है.
घटना की पूरी सच्चाई क्या है ?- 25 दिसंबर की सुबह 7 बजे कालेवाडी सहकार कालोनी में रहने वाले पत्रकार संतलाल यादव उम्र 48 के दो पुत्र हर्ष यादव उम्र 16 और प्रतिक यादव उम्र 18 सुजुकी एक्सेस टू व्हीलर गाडी से घर से निकले. कालोनी क्रास करते ही जैसे मेन रोड में पहुंचे, पीछे से 2 आरोपी की मोटरसाइकिल पीछे टक्कर मारने की कोशिश की. मगर दोनों बेटों की सर्तकता के चलते टक्कर होते होते बच गई. आरोपियों की गाडी असंतुलित होकर फिसल गई. दोनों पुत्रों ने अपनी गाडी रोककर आरोपियों की मदद के लिए दौडे. मगर आरोपियों ने दोनों को बेरहमी से मारने लगे. एक बडा बेटा प्रतिक ने घर पर फोन करके सूचना दी कि पापा जल्दी आओ हम दोनों भाईयों को दो लोग लात घूसों, डंडे से मार रहे है. पत्रकार घर से भागते भागते घटनास्थल भारतमाता चौक पर गए और देखा कि दोनों बच्चों को जमीन पर गिराकर बुरी तरह आरोपी मार रहा था. पत्रकार यादव ने बीचबचाव करने का प्रयास किया उन्हे भी मारने लगे. किसी तरह दोनों बच्चों को बचाकर घर ले आए.
घर पर क्या हुआ ? घर पहुंचते ही पत्रकार दोनों बच्चों से मारपीट की वजह पूछ ही रहे थे कि 5-7 मिनट बाद बुलेट, मोटरसाइकिल पर लगभग 11 गांवगुंडों की टोली आकर सीधा घर पर हमला बोल दिया. बच्चों को घर घसीटकर लात घूसों , डंडों, पत्थर से मारने लगे. पत्रकार बीचबचाव करने के लिए आए तो आरोपियों ने उनका कालर पकडकर बाहर खींचकर जमीन में पटकर लात घूसों से बुरी तरह मारने लगे. एक आरोपी चाकू निकालकर पत्रकार के पेट पर घोंपने के लिए हाथ उठाया तो पत्रकार ने चाकूवाला हाथ पकडकर जोर से झटकते हुए बच्चों के साथ गेट बंद कर अपनी और अपने बच्चों की जान बचाई. फिर हमलावरों ने घर पर पथराव करने लगे. करीबन 10 मिनट तक गांवगुंडों का आतंक का नंगा नाच चला. 100 नंबर डायल करने के बाद गुंडे भागने लगे. पुलिस हमेशा की तरह देरी से पहुंची तबतक आरोपी फरार हेने में कामयाब रहे.
वाकड पुलिस स्टेशन में क्या हुआ ? पत्रकार संतलाल यादव अपने दोनों बच्चों और चश्मदीद दो गवाह को लेकर वाकड पुलिस स्टेशन पहुंचे. पत्रकार के फरियाद देने से पहले एक राष्ट्रवादी के नगरसेवक का फोन आता है और बाहर सेटलमेंट की बात करता है. पत्रकार ने फोन कट करके अपनी एफआयआर की प्रक्रिया पूर्ण करने लगते है. इसी बीच प्रसार माध्यमों में तेजी के साथ पत्रकार पर जानलेवा हमले की न्यूज चलने लगी. देखते ही देखते 35-40 पत्रकार वाकड पुलिस स्टेशन पहुंच गए. पुणे से भी 4 वरिष्ठ पत्रकार पहुंचे. पुलिस कमिश्‍नर की ओर से कडी कार्रवाई करने का आदेश जारी हुआ. वाकड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरिक्षक सतीश माने ने आदेश का पालन करते हुए 11 आरोपियों पर अपराध पंजिकृत कराया. इसी बीच फिर उसी राष्ट्रवादी नगरसेवक का साक्षात आगमन पुलिस स्टेशन में होता है. एक आरोपी का नाम हटाने के लिए परेशान था . दो दिन बाद एक भाजपा का नगरसेवक भी अपने किसी सगे संबंधी आरोपी का नाम हटाने के लिए भरसक प्रयास किया. आज भी दोनों नगरसेवक ों की कोशिश जारी है. पुलिस अधिकारी ने भी इस बात की पुष्ष्ठि की है कि उन पर राजकीय दबाब निरंतर बढ रहा है लेकिन दबाव में ना आकर नियमानुसार काम करेंगे. सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद ही चैन से बैठेंगे. ऐसी जानकारी सूत्रों से मिली. शाम होते ही 4 आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे. सभी को दूसरे दिन कोर्ट में हाजिर किया गया. कोर्ट ने 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा. 27 दिसंबर दोपहर के समय पांचवां आरोपी सन्नी यादव भी गिरफ्तार हुआ. आज सभी को कोर्ट में पेश किया गया जहां सबको येरवडा जेल (एमसीआर) में भेजा गया.
इस घटना की जांच वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक सतीश माने के नेतृत्व में तेज तर्रार पुलिस अधिकारी हरिष माने कर रहे है. आज की तारिख तक पुलिस विभाग की कार्रवाई संतोषजनक है. उम्मीद है कि जल्द ही फरार आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.

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