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अण्णा बनसोडे ने पालिका कर्मचारियों को चूना लगाया- एकनाथ पवार

7 वाँ वेतन : भाजपा ने खिचडी पकायी, राष्ट्रवादी पकी पकायी खायी
सातवाँ वेतन पर झूठी वाहवाही लूट रही है राष्ट्रवादी – एकनाथ पवार
पालिका कर्मचारियों को राजनीति नहीं करनी चाहिए – एकनाथ पवार

पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा के कर्मचारियों को मंजूर सातवां वेतन का झूठा श्रेय राष्ट्रवादी लूट रही है. तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार में राज्य शासन ने मंजूरी दे चुकी थी. केवल मुख्यमंत्री का हस्ताक्षर बाकी था और आचार संहित लागू हो गया. भाजपा ने बडी मेहनत, ईमानदारी और कर्मचारियों को न्याय देने के उद्ेश्य से सातवां वेतन की खिचडी पकायी मगर राष्ट्रवादी बिना कोई परिश्रम किए पकी पकायी खिचडी खा गई. राष्ट्रवादी के एकलौते विधायक अण्णा बनसोडे ने बडी होश्यिारी के साथ पालिका कर्मचारियों को चूना लगाने का काम किया. ऐसी प्रतिक्रिया आज पत्रकार वार्तालाप में मनपा सत्तारुढ नेता एकनाथ पवार ने व्यक्त की.
आपको बताते चलें कि कल कर्मचारी महासंघ के साथ राष्ट्रवादी के विधायक अण्णा बनसोडे ने पत्रकार परिषद बुलाकर दावा किया था कि अजित पवार के कहने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सातवां वेतन नागपुर के अधिवेशन में मंजूर किया.इस प्रेस वार्ता में कद्दावर नेता आझमभाई पानसरे, विरोधी पक्षनेता नाना काटे, योगेश बहल, मंगल कदम समेत कई राकांपा नगरसेवक व कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी उपस्थित थे.
शासन मंजूर पत्रावली से दूध का दूध पानी का पानी – श्री एकनाथ पवार ने राज्य शासन द्धारा मंजूर सरकारी दस्तावेज के साथ दूध का दूध पानी का पानी करते हुए कहा कि पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त को अनिष परशुरामे (उपसचिव, महाराष्ट्र शासन) ने 21 दिसंबर 2019 को कर्मचारियों का सातवां वेतन आयोग लागू करने के संदर्भ में एक पत्र भेजा है जिसमें यह साफ कहा गया है कि 30-1-2019 को वित्त विभाग शासन द्धारा अधिसूचना जारी की गई. पिंपरी पालिका ने 11-6-2019 को पत्र भेजा और 20 -9-2019 को नगर विकास विभाग ने मंजूरी दी.राज्य शासन ने अपने पत्र में साफ लिखा है कि 11-6-2019 मनपा के पत्र के अनुसार पत्र अनुक्रमांक 1 व 3 परिच्छेद में दर्शाए गए प्रस्ताव में कुछ शर्तोंके साथ कर्मचारियों से जुडे सातवां वेतन आयोग मंजूर किया जाता है.
सातवां वेतन भाजपा सरकार में हुआ – एकनाथ पवार ने आगे कहा कि सातवां वेतन कब हुआ? किस सरकार के कार्यकाल में हुआ? यह नगर विकास मंत्रालय द्धारा पिंपरी पालिका आयुक्त को भेजे गए पत्र में आईने की तरह साफ हो जाता है. अब इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के स्थानीय नेता व विधायक झूठी वाहवाही लूटने और कर्मचारियों को गुमराह करने का प्रयास करते हैं तो झूठा श्रेय उनको मुबारक हो. कुछ कर्मचारी ऐसे झूठे लोगों के झांसे में नहीं पडे क्योंकि वो सच्चाई जानते हैं कि भाजपा सरकार ने ही सातवां वेतन मंजूर कराया है. पिंपरी पालिका कर्मचारी महासंघ के कई बुद्धिजीवी और जागृक पदाधिकारी उनसे मिलकर भाजपा सरकार को आभार प्रकट किया. एकनाथ पवार ने राष्ट्रवादी के बहकावे में आने वाले महासंघ के पदाधिकारियों को सलाह देते हुए कहा कि किसी पार्टी के साथ संलग्न होकर राजनीति न करें. क्योंकि सत्ता और सरकारें बदलती रहती हैं. लेकिन सच्चाई आखिर सच्चाई होती है उस ना दबाया जा सकता है ना ही चूना लगाया जा सकता.


सातवाँ वेतन पर झूठी वाहवाही लूट रही है राष्ट्रवादी – एकनाथ पवार
पालिका कर्मचारियों को राजनीति नहीं करनी चाहिए – एकनाथ पवार

पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा के कर्मचारियों को मंजूर सातवां वेतन का झूठा श्रेय राष्ट्रवादी लूट रही है. तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार में राज्य शासन ने मंजूरी दे चुकी थी. केवल मुख्यमंत्री का हस्ताक्षर बाकी था और आचार संहित लागू हो गया. भाजपा ने बडी मेहनत, ईमानदारी और कर्मचारियों को न्याय देने के उद्ेश्य से सातवां वेतन की खिचडी पकायी मगर राष्ट्रवादी बिना कोई परिश्रम किए पकी पकायी खिचडी खा गई. राष्ट्रवादी के एकलौते विधायक अण्णा बनसोडे ने बडी होश्यिारी के साथ पालिका कर्मचारियों को चूना लगाने का काम किया. ऐसी प्रतिक्रिया आज पत्रकार वार्तालाप में मनपा सत्तारुढ नेता एकनाथ पवार ने व्यक्त की.
आपको बताते चलें कि कल कर्मचारी महासंघ के साथ राष्ट्रवादी के विधायक अण्णा बनसोडे ने पत्रकार परिषद बुलाकर दावा किया था कि अजित पवार के कहने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सातवां वेतन नागपुर के अधिवेशन में मंजूर किया.इस प्रेस वार्ता में कद्दावर नेता आझमभाई पानसरे, विरोधी पक्षनेता नाना काटे, योगेश बहल, मंगल कदम समेत कई राकांपा नगरसेवक व कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी उपस्थित थे.
शासन मंजूर पत्रावली से दूध का दूध पानी का पानी – श्री एकनाथ पवार ने राज्य शासन द्धारा मंजूर सरकारी दस्तावेज के साथ दूध का दूध पानी का पानी करते हुए कहा कि पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त को अनिष परशुरामे (उपसचिव, महाराष्ट्र शासन) ने 21 दिसंबर 2019 को कर्मचारियों का सातवां वेतन आयोग लागू करने के संदर्भ में एक पत्र भेजा है जिसमें यह साफ कहा गया है कि 30-1-2019 को वित्त विभाग शासन द्धारा अधिसूचना जारी की गई. पिंपरी पालिका ने 11-6-2019 को पत्र भेजा और 20 -9-2019 को नगर विकास विभाग ने मंजूरी दी.राज्य शासन ने अपने पत्र में साफ लिखा है कि 11-6-2019 मनपा के पत्र के अनुसार पत्र अनुक्रमांक 1 व 3 परिच्छेद में दर्शाए गए प्रस्ताव में कुछ शर्तोंके साथ कर्मचारियों से जुडे सातवां वेतन आयोग मंजूर किया जाता है.
सातवां वेतन भाजपा सरकार में हुआ – एकनाथ पवार ने आगे कहा कि सातवां वेतन कब हुआ? किस सरकार के कार्यकाल में हुआ? यह नगर विकास मंत्रालय द्धारा पिंपरी पालिका आयुक्त को भेजे गए पत्र में आईने की तरह साफ हो जाता है. अब इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के स्थानीय नेता व विधायक झूठी वाहवाही लूटने और कर्मचारियों को गुमराह करने का प्रयास करते हैं तो झूठा श्रेय उनको मुबारक हो. कुछ कर्मचारी ऐसे झूठे लोगों के झांसे में नहीं पडे क्योंकि वो सच्चाई जानते हैं कि भाजपा सरकार ने ही सातवां वेतन मंजूर कराया है. पिंपरी पालिका कर्मचारी महासंघ के कई बुद्धिजीवी और जागृक पदाधिकारी उनसे मिलकर भाजपा सरकार को आभार प्रकट किया. एकनाथ पवार ने राष्ट्रवादी के बहकावे में आने वाले महासंघ के पदाधिकारियों को सलाह देते हुए कहा कि किसी पार्टी के साथ संलग्न होकर राजनीति न करें. क्योंकि सत्ता और सरकारें बदलती रहती हैं. लेकिन सच्चाई आखिर सच्चाई होती है उस ना दबाया जा सकता है ना ही चूना लगाया जा सकता.

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