पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा का पानीपूर्ति विभाग इन दिनों चर्चा का केंद्र बना है. पुराने ठेकेदार को ही समयवृद्धि (मुदतवाढ) देने के लिए नौटंकी पे नौटंकी की जा रही है. स्थायी समिति और पानीपूर्ति विभाग शुभम उद्योग नामक ठेकेदार को एक बार फिर से समयवृद्धि देने की साजिश कर रहा है.पहले स्थायी समिति सभापति विलास मडेगिरी ने आयुक्त को पत्र लिखकर पुराने ठेकेदार शुभम उद्योग को समयवृद्धि और न देने की सिफारिश की. अब उनके ही दबाव में नए टेंडरिंग की ओपनिंग नहीं की जा रही है. जबकि सभापति ने सभी विभाग को लिखित पत्र देकर निर्देश दिया है कि प्रलंबित सभी टेंडर जल्द से जल्द अमल में लाओ. फिर क्या कारण है कि पानीपूर्ति विभाग में 21 दिसंबर को टेंडर की समयावधि (मुदतवाढ) समाप्त होने के बाद भी नए टेंडर ओपनिंग को रोका गया है? दाल में कुछ काला है या फिर पूरी दाल काली है? ऐसी चर्चा मनपा के गलियारों में हो रही है. लेकिन सभापति की दोहरी भूमिका पर आम हो या खास सबने अपने दांतों तले उंगली दबा ली है.
पानी ने भाजपा का टीआरपी गिराया – शहर में पानी संकट पर बोंबाबोंब है. सत्ताधारी भाजपा की टीआरपी तेजी के साथ नीचे गिर रहा है. स्थायी समिति और प्रशासन की मिलिभगत से 4 टेंडर अधर में लटके है. मतलब भाजपा के लिए करेला ऊपर से नीम चढा वाली कहावत बनती जा रही है. जबकि महापौर और सभी राजनीतिक पार्टियों के गुटनेताओं ने बिना विलंब पानीपूर्ति के लंबित सभी टेंडरों की प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग कर रहे है.
कई टेंडर फाइलें ओपनिंग के इंतजार में – एक अधिकारी ने बताया कि टेंडर निकाला गया है मगर उसकी प्रोसेसिंग नहीं की जा रही. ई और फ क्षेत्रिय प्रभाग से संबंधित सबसे ज्यादा फाईलें टेंडर ओपनिंग के इंतजार में लटकी है. शहर में लगभग 15 पानी के पंप है. तीन महिने पहले शुभम उद्योग को मिला ठेका की समयावधि समाप्त हो चुकी है. अक्टूबर महिने में टेंडर निकलना था. नया टेंडर नहीं निकाला गया मगर शुभम ठेकेदार पर स्थायी समिति ने मेहरनजर दिखाकर तीन महिने की समयावधि बढा दी. 21 दिंसबर को समय समाप्त होने के पहले नए टेंडर नया ठेकेदार की नियुक्ति होना चाहिए. मगर ऐसा हुआ नहीं.सभापति विलास मडेगिरी ने 20 अगस्त 2019 को आयुक्त के नाम एक पत्र लिखा जिसमें मांग की है कि शुभम उद्योग को दोबारा मुदतवाढ न दी जाए. साथ ही यह भी कहा कि निविदा क्र. 2/116/2019 के अनुक्रमांक 101 से 104 काम के लिए निविदा शर्त व नियमों में शिथिलता लाकर नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया कीे जाए. विद्युत पंप संचालन में ठेकेदार का अनुभव, कुशल अकुशल कामगारों से जुडे शर्त नियमों को हटाया गया. ताकि अपना मनपसंद ठेकेदार को काम मिल सके.
चहेता ठेकेदार अयोग्य निकला,फिर शुभम उद्योग पर मेहरनजर – कुल 9 ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया. टेंडर खोला गया मगर जिस ठेका संस्था के नाम टेंडर निकला वह नियमानुसार अयोग्य निकला. जिसके कारण टेंडर प्रक्रिया को रद्द करके रोका गया. एक काम के टेंडर के लिए पिछले 4 महिनों से पानीपूर्ति विभाग में संदेहास्पद स्थिति बनी है. अपने सगे संबंधी चहेते व बगलबच्चे ठेकेदार को ठेका देने की साजिश होने की चर्चा है. 6 नंबर वाले पुराने ठेकेदार को ही मुदतवाढ देने की साजिश हो रही है. मतलब खाना है मगर सीधे नहीं सिर से हाथ घुमाकर मुंह में डालना है ताकि किसी को भनक तक न लगे. समयावधि समाप्त टेंडर को निकालने का काम आयुक्त श्रावण हर्डीकर अपनी पॉवर का क्या इस्तेमाल करेंगे? या फिर स्थायी समिति व सत्ताधारियों के दबाव में काम करेंगे? इस पर सबकी निगाहें टिकी है.
Tags शुभम उद्योग ठेकेदार पर स्थायी समिति मेहरबान
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