मुंबई. महाराष्ट्र
एसीबी ने नेशनल कांफ्रेंस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार को सिंचाई
घाटाले में क्लीन चिट दे दी। ब्यूरो की ओर से मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर
बेंच में नवंबर में दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि राकांपा नेता
भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इसके बाद उनका नाम सिंचाई घोटाला
मामले में हटा दिया है। राकांपा नेता अजित पवार साल 1999-2004 के बीच
महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में वीआरडीसी (डब्ल्यूआरडी
मंत्री) के चेयरमैन पद पर थे।
एसीबी की ओर से 27 नवंबर को कोर्ट में 16 पेज के दिए गए हलफनामे में कहा
गया कि मंजूरी देने की प्रक्रिया के संबंध में वीआईडीसी के तत्कालीन
अध्यक्ष अजित पवार को एजेंसियों के भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार नहीं
ठहराया जा सकता है। इसको लेकर उनका कोई कानूनी कर्तव्य नहीं था। यह शपथ
पत्र एसीबी अधीक्षक रश्मि नांदेड़कर ने नागपुर बेंच प्रस्तुत किया था। इससे
पहले भी 25 नवंबर को महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच एसीबी ने सिंचाई
घोटाले से जुड़े नौ केस बंद कर दिए थे।
एसीबी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह भी कहा कि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है कि
विभाग के सचिव ने जल संसाधन विभाग के मंत्री को निविदा कार्य के दायित्व को
स्वीकार नहीं करने के बारे में बताया था। ब्यूरो ने यह भी कहा कि वीआईडीसी
के अध्यक्ष ने निगम की तत्कालीन प्रचलित नीति के अनुरूप काम किया है। साथ
ही कहा गया कि जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर देयता को
मंजूरी देने की प्रक्रिया के संबंध में वीआईडीसी के तत्कालीन अध्यक्ष की ओर
से कोई आपराधिक दायित्व नहीं है।
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