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भाजपाई सभापति पर भाजपाई नगरसेवकों का हल्लाबोल


किसानों का भूखंड अधिग्रहण मुआवजा विषय पर राहुल कलाटे और सभापति मडेगिरी आपस में भिडे
2015 के बाद वाले धारकों को टूकडों में भूखंड का मुआवजा नहीं मिलेगा
नियमावली में संशेधन करके स्थायी समिति ने महासभा के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा

पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा के विकास कामों के अंतर्गत आने वाले किसानों की जमीनों का अधिग्रहण के बदले मुआवजा देने के मामले में आज स्थायी समिति में जमकर हंगामा बरपा गया. शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे और स्थायी समिति सभापति विलास मडेगिरी में जमकर तू तू मैं मैं हुआ तो भाजपा के कुछ नगरसेवक अपने ही भाजपाई सभापति मडेगिरी पर हल्लाबोले.
क्या है माजरा ? शहर के विकास कामों में बाधित किसानों अथवा मूल मालिकों की जमीनों को अधिग्रहण किया गया उसके बदले जमीन मालिक को मुआवजा देने का प्रावधान है. शहर में दापोडी, पिंपळेगुरव, पिंपळेनिलख, वाकड आदि परिसर में किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया. मुआवजा का विषय स्थायी समिति में दो बार रखा गया. मगर सभापति विलास मडेगिरी ने यह कहकर ठंडे बस्ते में डाल दिया कि एक जमीन के कई टूकडे करके कई मालिका बन बैठे है. टूकडों में मुआवजा देना पडा तो दोगुना रकम देनी पडेगी जो पालिका का करोडों रुपये का नुकसान होगा. आज दोबारा यह विषय लाया गया. सभापति ने उपसूचना के तहत विषय को 2015 के बाद अधिग्रहण व मुआवजा नियमावली में संशोधन करके सर्वसाधारण सभा के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा है. संशोधन नियमावली में एक जमीन के लिए एक मालिक को ही मुआवजा की रकम दी जाएगी
राहुल कलाटे ने क्या कहा ? शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप के कहने पर सभापति निर्णय ले रहे है और किसानों पर अन्याय कर रहे है. सभा में बोलने की स्वतंत्रता पर बे्रक लगाया जा रहा है. नगरसचिव बोलने की आजादी पर नियमों का पाठ पढा रहे है. जबकि नियम यह कहता है कि सभापति की अनुमति की जरुरत नही. भाजपा के नगरसेवक संदीप वाघेरे ने सभापति को एक पत्र देकर जवाब मांगा उस पत्र का जवाब भी सभापति नहीं दे रहे. इन्ही मुद्दों पर राहुल कलाटे स्थायी समिति सभा में दो दो हाथ करने के लिए आपस में भिड गए. भाजपा के नगरसेवक शत्रुघ्न काटे,भाजपा के नगरसेवक संदीप वाघेरे, राष्ट्रवादी के मयूर कलाटे एकजुट होकर सभापति के गलत व किसान विरोधी निर्णय का विरोध किया है. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि नए संशोधन नियमावली बनाने में काफी विलंब लगेगा. शहर का विकास कामों पर असर पडेगा. मूल जमीन मालिकों को लंबे समय तक मुआवजा के लिए इंतजार करना पडेगा.
सभापति विलास मडेगिरी ने क्या कहा ? सभापति विलास मडेगिरी ने नगरसेवकों के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभागृह में सबको बोलने की आजादी है. टूकडेबंदी से पालिका को भारी नुकसान उठाना पडेगा. अब संशोधन नियमावली के तहत ही मुआवजा की रकम दी जाएगी. महासभा की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही मुआवजा का वितरण होगा.

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