शहरवासियों को 24 घंटे पानी देने में हम नाकाम-महापौर
दैवत से अब कुछ भी मांगने की इच्छा नहीं, मैं 100 फीसदी संतुष्ट-महापौर
पानी समस्या पर आयुक्त को 2 महिने काम करने का दिया मौका-महापौर
शहर में सिटी सेंटर बनाने का सपना रहा अधूरा- महापौर
महापौर निवास बना नहीं सका, मन में रहेगा मलाल-महापौर
महापौर पद शहर को नजदीक से देखने व विदेश यात्रा कराने में काम आया-महापौर
पिंपरी-पिंपरी चिंचवड के महापौर राहुल जाधव का कल आखिरी दिन है. लेकिन अपने दैवत के प्रति भक्तिभाव में कोई कमी नहीं रखी, आज अपनी भक्ति की माला में एक और लडी को जोडते हुए कहा कि मेरे दैवत और भोसरी के विधायक महेशदादा लांडगे के खिलाफ अगर विधानसभा का चुनाव लडने की नौबत आयी तो राजनीति से सन्यास लेना पसंद करुंगा. मेरे दैवत ने समय से पहले दोनों हाथों से भर भरकर वरदान दिया. अब कुछ मांगने की इच्छा नहीं बची. मैं 100 फीसदी संतुष्ट हूं. सबका साथ मिला. मामा विलास लांडे के तालिम तले तैयार महेशदादा पहले निर्दल अब भाजपा के टिकट से चुनाव लडा और गुरु को ही पटकनी दी.क्या आप के सामने ऐसा किसी पार्टी ने टिकट का ऑफर दिया तो दैवत के सामने चुनाव लडेंगे? इस सवाल का जवाब आज महापौर पत्रकार परिषद में दे रहे थे. महापौर ने कहा कि विलास लांडे और महेशदादा का पारिवारिक मसला है. लेकिन मेरा नाता भक्त व दैवत का है.
आज महापौर अपने 15 महिने के कार्यकाल की उपलिव्धयां कम कमियां ज्यादा गिनाया. महापौर ने खुले मन से कहा कि शहरवासियों को 24 घंटे पानी देने का वादा किया था जिसे हम पूरा करने में नाकाम रहे. पानी समस्या की गंभीर समस्या को महसुस कर रहे है लेकिन काम करने के लिए आयुक्त को आखिरी 2 महिने का मौका दिया है, शहर में सिटी सेंटर बनाने का वादा अगस्त 2018 में महापौर बनते ही किया था . मुझे अफसोस है कि यह भी वादा पूरा नहीं कर सका. प्राधिकरण की जगह पर महापौर निवास बनाने का भी वादा पूरा नहीं कर सका. हलांकि काफी प्रयास किया मगर कुछ कारणों की वजह से वादा पूरा करने में नाकाम रहा. महापौर पद ने शहर को नजदीक से देखने व समस्या को जानने का मौका दिया और 4 बार विदेश घूमने का भी मौका दिया .मन में जो भी टारगेट था, योजना थी वो पूरा हुआ. मन में किसी भी तरह का मलाल, दुख, गिल शिकवा नहीं.
पिछले 15 महिने के कार्यकाल में महापौर ने 285 पालिका व निजी कार्यक्रमों में उपस्थित रहकर पूर्व महापौर हनुमंत भोसले का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया. अपने मिलनसार स्वभाव की वजह से अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मीडिया सबके चहेते रहे. एक रिक्शा चालक महापौर पद को न्याय दे सकेगा। पहले ऐसे सवाल लोगों के मन में रहा. मगर 15 महिने के कार्यकाल में एक से बढकर एक निर्णय, पक्ष-विपक्ष को साथ लेकर महासभा चलाते देख सबको दांतों तले उंगली दबाने पर मजुबर होना पडा. श्मशान घाट, पालिका स्कुल, गार्डन का औचित्य परिक्षण व समाधान निकालने में कामयाबी के झंडे गाडने वाले अब तक के लोकप्रिय महापौर साबित हुए.