आयुक्त-सत्ताधारियों ने दिखाया दम, महासभा में विरोधी पडे कम
महासभा में आयुक्त को विरोधियों ने दिया अकार्यक्षता का प्रमाणपत्र
एकनाथ पवार के बयान पर विरोधी हुए लाल-लाल
महापौर का मानदंड छीनकर भागने का प्रयास
महापौर ने किया नगरसेवकों को गुमराह, कोरम अभाव के बावजूद 1 मिनट में 10 विषयों को किया मंजूर
राष्ट्रवादी कांग्रेस ने कोरम अभाव वाली दूसरी सभा का किया विरोध, नगरसचिव को देंगे पत्र, कोर्ट में जाने की दी धमकी
एक दिन छोडकर जलपूर्ति निर्णय रद्द की मांग महापौर ने ठूकराया
पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा की मासिक महासभा आज पानी के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ गई. एक दिन छोडकर जलपूर्ति के निर्णय को रद्द करने की सदस्यों की मांग पीठासीन अधिकारी महापौर राहुल जाधव ने खारिज करके मंजूर किया और सोमवार 25 नवंबर से पानी कटौति पर अमल करने की घोषणा की. महापौर ने आयुक्त को यह भी अल्टीमेटम दिया कि 2 महिने ट्रायल बेसेस पर एक दिन छोडकर पानी पूर्ति रहेगी. इस दौरान आयुक्त अपनी कार्यक्षमता साबित करें. अगर पानी की समस्या फिर भी हल नहीं हुआ तो आयुक्त को जवाबदार मानकर योग्य कार्रवाई की जाएगी.
दत्ता काका साने ने कहा – इधर राकांपा के तोप पूर्व विरोधी पक्षनेता दत्ता काका साने ने महासभा शुरु होते ही जमकर विरोध व आयुक्त का निषेध करते हुए कहा कि पानी कटौति का निर्णय गलत है शहर की जनता महापौर माफ नहीं करेगी. आम जनता को चोर समझ कर अवैध नल कनेक्शन कट करने की धमकी दी जा रही है. जनता कनेक्शन के लिए आवेदन देता है तो 7 महिने तक उसे अधिकृत कनेक्शन नहीं दिया जाता. वहीं बिल्डर टेबल के नीचे से एक दिन में कनेक्शन करा लेते है. अधिकारी टैंकर लॉबी को पालने में मस्त है और आम जनता बूंद बूंद पानी के लिए त्रस्त है.
मंगला कदम ने कहा – मंगला कदम ने मांग करते हुए कही कि आयुक्त के एक दिन छोडकर पानी देने का निर्णय रद्द करो. पानीपूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता रामदास तांबे और प्रविण लडकत निकम्मे, कामचोर और अकार्यक्षम है. 2005 से 24 बाय 7 योजना पर कार्य चल रहा है. 19 साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हो सका. ऐसे दोनों निष्किृय अधिकारियों को सख्ती का निलंबन करके कार्यक्षम अधिकारी के हाथों जलपूर्ति विभाग की कमान सौंपना चाहिए.
संदीप वाघेरे ने कहा – संदीप वाघेरे ने कहा कि जब से भाजपा की सत्ता आयी है पानी मुद्दे पर बोंबाबोंब है. ऐसा लगता है कि रामदास तांबे ने भाजपा की सुपारी ले रखी है. ऐसे निष्क्रिय अधिकारी को तत्काल निलंबित कर देना चाहिए. रावेत पंपिंग स्टेशन पर जनसेट नहीं. बिजली खंडित होने पर दो दिन तक पानी पूर्ति का काम डिस्टर्ब रहता है. बिल्डरों को दोषी मानना व कार्रवाई करना गलत है. बिल्डर नियमानुसार परमिशन के साथ प्रोजेक्ट शुरु करते हैं. कितने लोगों को रोजगार मिलता है.700-800 करोड रुपये बिल्डर क्षेत्र से राजस्व पालिका की तिजोरी में जमा होता है.बिल्डरों को एक बार एनओसी न देने का असफल प्रयोग किया गया था. उसमें भी भेदभाव व अपना पराया हुआ. 10 साल पूर्व बंदपाईप लाईन योजना में 200 करोड रुपये का पाईप खरीदा गया जो आज भी बेहाली स्थिति में पडा है इसके लिए जवाबदार कौन? मुंबई में एक भी पानी टंकी नहीं फिर भी मुंबईवासियों को सुचारु व पर्याप्त पानी मिल रहा है. पिंपरी पालिका के अधिकारी मुंबई जाकर वहां की पानी योजना को सीखने की जररुत है.
लगभग सभी नगरसेवकों ने एक दिन छोडकर पानी पूर्ति का विरोध किया केवल सीमा सावळे ने आयुक्त का पीठ थपथपाते हुए नजर आयी.
नाना काटे ने कहा – विरोधी नेता नाना काटे ने आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका अपने अधिकारियों पर अंकुश नहीं है. पानी शहरवासियों को सुचारु व पर्याप्त मात्रा में मिलना चाहिए. निकम्मे व अकार्यक्षम अधिकारी को तत्काल निलंबित करना चाहिए.
एकनाथ पवार ने कहा – सत्तारुढ नेता एकनाथ पवार ने आखिरी में खडे हुए और अपने आक्रामक भाषण से महासभा में आग लगा दी. 4 घंटे से पानी पर चर्चा हो रही. इससे पहले 7-8 बार पानी पा चर्चा हो चुकी है. कौन कितना अच्छा प्रवक्ता है इसकी होड लगी है. राज्य का राजनीतिक समीकरण बदलते ही सदस्यों की भूमिका भी बदली बदली नजर आ रही है. इतना सुनते ही शिवसेना के राहुल कलाटे खडे होकर एकनाथ पवार को निशाने पर लिया. मंगला कदम, वैशाली काळभोर, दत्ता काका साने, नाना काटे समेत कई राष्ट्रवादी नगरसेवक खडे होकर तीव्र विरोध किया. पीठासीन अधिकारी का मानदंड छीनकर भागने का प्रयास किया. विषय पत्रिका फाडकर हवा में उछाले. इसी बीच महापौर सबको गुमराह करते हुए दूसरी महासभा कोरम न होते हुए चालू की और 1 मिनट में 10 विषयों को एक सांस में मंजूर करके सभा स्थगित करने की घोषणा कर दी.