- सीएम पद को लेकर शिवसेना की जिद के चलते बीजेपी अकेले ही सरकार गठन के लिए दावा पेश कर सकती है
- 2014 की तरह ही सरकार गठन के बाद सदन में बहुमत साबित करने की रणनीति अपना सकती है बीजेपी
- बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि 105 सीटें जीतने के बाद भी शिवसेना से सीएम पद समझौता मुमकिन नहीं है
मुंबई –महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने भले ही बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन दोनों के बीच की खींचतान ने एक अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ शिवसेना ने बीजेपी से 50-50 फॉर्म्युले पर अमल करते हुए 2.5 साल के लिए सीएम पद को लेकर लिखकर देने को कहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी अब उसके बगैर ही सरकार गठन के विकल्पों पर विचार कर रही है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं तो शिवसेना के 56 हैं, जबकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी के पास यदि 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के अलावा एनसीपी का समर्थन आ जाता है तो फिर वह शिवसेना के बगैर भी सरकार का गठन कर सकती है।