नई दिल्ली-राजधानी में नशे का काला कारोबार किस तरह से फल-फूल रहा है इसका ताजा मामला सामने आया है। शुक्रवार को स्पेशल सेल ने दिल्ली में चल रही हेरोइन की अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया, जिसके लिंक तालिबान तक हैं। इसमें करीब 600 करोड़ की हेरोइन जब्त की गई। यह दिल्ली से जब्त की गई अबतक की सबसे बड़ी खेप है। स्पेशल सेल का कहना है कि यह रैकिट अबतक भारत में 5 हजार करोड़ रुपये तक की हेरोइन ला चुका है। गैंग बोरियों के जरिए हेरोइन को अफगान से दिल्ली लाते थे। चार करोड़ की खाली बोरी!
अफगानिस्तान से इंपोर्ट करके दिल्ली लाई जाने वाली जीरे की बोरी में हेरोइन की स्मगलिंग की जाती थी। जूट की बोरियों को अफगानिस्तान में लिक्विड हेरोइन में डुबो दिया जाता था। बोरियों के सूख जाने पर जीरे की बोरियां दिल्ली इंपोर्ट की जाती थीं। इसके बाद बोरियों को वे लोग दिल्ली में जाकिर नगर स्थित फैक्ट्री में ले जाकर कई तरह के केमिकल में भिगोते थे। इन गीली बोरियों को सुखाकर इनके रेसों में चिपटी हेरोइन को खास तकनीक से पाउडर रूप में बदला जाता था। इसके बाद बोरियों को जला दिया जाता था। जूट की एक बोरी से कम से कम एक किलो हेरोइन निकलती थी। एक खाली बोरी की कीमत करीब चार करोड़ रुपये हो जाती थी। बोरियों में हेरोइन की स्मगलिंग करने का यह तरीका एकदम नया है।
अफगान से दिल्ली ऐसे लाते
हेरोइन को अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते होते हुए दिल्ली लाया जाता था। अफगानिस्तान के जलालाबाद से ड्रग्स को पहले कश्मीर भेजा जाता। वहां से ड्रग्स को बोरियों में चिपकाया जाता। उन बोरियों में मसाले भरने का काम भी जम्मू-कश्मीर में ही होता था। फिर वहां से कारों में भरकर इन्हें दिल्ली भेज दिया जाता। दिल्ली में बोरियां खाली की जातीं और स्मग्लर उन्हें अपने साथ ले जाते। फिर साउथ दिल्ली की इस फैक्ट्री में उन बोरियों से हेरोइन को अलग किया जाता था।
अफगानिस्तान से इंपोर्ट करके दिल्ली लाई जाने वाली जीरे की बोरी में हेरोइन की स्मगलिंग की जाती थी। जूट की बोरियों को अफगानिस्तान में लिक्विड हेरोइन में डुबो दिया जाता था। बोरियों के सूख जाने पर जीरे की बोरियां दिल्ली इंपोर्ट की जाती थीं। इसके बाद बोरियों को वे लोग दिल्ली में जाकिर नगर स्थित फैक्ट्री में ले जाकर कई तरह के केमिकल में भिगोते थे। इन गीली बोरियों को सुखाकर इनके रेसों में चिपटी हेरोइन को खास तकनीक से पाउडर रूप में बदला जाता था। इसके बाद बोरियों को जला दिया जाता था। जूट की एक बोरी से कम से कम एक किलो हेरोइन निकलती थी। एक खाली बोरी की कीमत करीब चार करोड़ रुपये हो जाती थी। बोरियों में हेरोइन की स्मगलिंग करने का यह तरीका एकदम नया है।
अफगान से दिल्ली ऐसे लाते
हेरोइन को अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते होते हुए दिल्ली लाया जाता था। अफगानिस्तान के जलालाबाद से ड्रग्स को पहले कश्मीर भेजा जाता। वहां से ड्रग्स को बोरियों में चिपकाया जाता। उन बोरियों में मसाले भरने का काम भी जम्मू-कश्मीर में ही होता था। फिर वहां से कारों में भरकर इन्हें दिल्ली भेज दिया जाता। दिल्ली में बोरियां खाली की जातीं और स्मग्लर उन्हें अपने साथ ले जाते। फिर साउथ दिल्ली की इस फैक्ट्री में उन बोरियों से हेरोइन को अलग किया जाता था।